देहरादून:तपोवन में त्रासदी के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में ऋषीगंगा नदी में बनी झील पर सोमवार को SDRF ने क्विक डेप्लॉयमेंट एंटिना (QDA) स्थापित कर दिया है. तो वहीं, SDRF के जरिए लगातार झील की निकासी को लेकर काम किया जा रहा है. क्यूडीए लगाने के बाद अब ऋषीगंगा झील की मॉनिटरिंग लगातार देहरादून सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से की जा रहा है.
एसडीआरएफ के 7 सदस्यों के साथ 17 सदस्यीय दल जलभराव क्षेत्र में पहुंचा हुआ है, जिनके द्वारा विगत 3 दिनों से झील के करीब ही कैंपिंग की गई है. जिनमें वैज्ञानिक दल का मूल उद्देश्य झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करना है. आकलन के बाद इसके निराकरण के लिए तकनीकी परामर्श दिया जाना है. वैज्ञानिकों के साथ एसडीआरएफ के जाने का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को सुरक्षा प्रदान करना है. साथ ही निर्धारित स्थान तक सभी को सुरक्षित पहुंचाना और सर्वेक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाना है.
बीते 21 फरवरी को डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, उपमहानिरीक्षक SDRF और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आपदा प्रबंधन पियूष रौतेला के आदेश पर एसडीआरएफ के क्यूडीए को सोमवार को झील के पास ही स्थापित कर दिया गया है, जिसके द्वारा आज संबंधित क्षेत्र से लाइव वीडियो प्रसारण आरंभ कर दिया है.
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सेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर ने एसडीआरएफ जवानों से झील के मुहाने को ओर अधिक खोलने एवं झील का प्रेशर समाप्त कर सामान्य स्थिति बनाने के निर्देश दिए गए है. इससे पहले भी सेनानायक नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में एक टीम झील का मुआयना कर लौटी थी, जिनके द्वारा संबंधित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से सभी को अवगत कराया था.