देहरादून: प्रदेश में कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है. हर दिन कोरोना से मरने वालों की संख्या में कमी आ रही है. कोरोनाकाल में हुई मौतों को लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन(Social Development for Community Foundation) की ओर से हाल ही में एक आंकलन किया गया. जिसमें साल 2020 से लेकर अब तक हुई मौतों को आधार बनाया गया. इस आंकलन के तहत प्रदेश में हुई कुल 7,316 मौतों में से 1,210 बैकलॉग मौत हैं. SDC फाउंडेशन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर 2.15 प्रतिशत है, जो कि पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर है.
क्या होती हैं बैकलॉग मौतें?
बता दें कि बैकलॉग मौतें कोविड से होने वाली वो मौतें हैं जिनकी सूचना अस्पतालों की ओर से तुरंत और समय पर राज्य कोविड नियंत्रण कक्ष को नहीं दी जाती. ऐसा करने वाले अस्पतालों में निजी अस्पतालों के साथ ही सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं.
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गौरतलब है कि राज्य के सभी 13 जनपदों के 90 अस्पतालों में 1,210 बैकलॉग मौतें दर्ज की गई हैं. इनमें हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून जिलों से 855 बैकलॉग मौतों की सूचना प्राप्त हुई है. वहीं, पहाड़ी जिलों में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, टिहरी और पौड़ी जनपद में सबसे ज्यादा बैकलॉग मौतें दर्ज की गई हैं.
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इन 3 जनपदों के अस्पतालों में सबसे ज्यादा बैकलॉग मौतें दर्ज की गईं
कोरोनाकाल में धर्मनगरी हरिद्वार के 21 अस्पतालों में सबसे ज्यादा 393 बैकलॉग मौतें दर्ज की गईं. इसके साथ ही देहरादून जनपद के 19 अस्पतालों में 320 और उधम सिंह नगर जनपद के 17 अस्पतालों में 142 बैकलॉग मौतें दर्ज की गईं. इस तरह उधम सिंह नगर बैकलॉग मौतों के मामले में तीसरे स्थान पर है.
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इन अस्पतालों से आये बैकलॉग मौत के मामले
SDC फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स ऋषिकेश में 78 बैकलॉग मौत के मामले सामने आये. हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल में ये संख्या 65 रही. रुद्रपुर के जेएलएन डीएच अस्पताल में 65 बैकलॉग मौत के मामले आये. डीएच पिथौरागढ़ में भी 61 बैकलॉग मौतें दर्ज की गईं. हरिद्वार के भेल अस्पताल में भी 51 बैकलॉक मौतों के मामले सामने आये. आरके मिशन सेवाश्रम हरिद्वार में ये संख्या 45, बेस अस्पताल अल्मोड़ा में 45, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में 41, हिमालयन हॉस्पिटल देहरादून में 37 और एसडीएच नरेंद्र नगर में 36 रही.
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SDC फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक उनकी संस्था की ओर से बैकलॉग मौतों का जो आंकड़ा जुटाया गया वो सीधे तौर पर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. कहीं न कहीं इन आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की बड़ी आवश्यकता है. ऐसे में उन्होंने उम्मीद जताई है कि नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस ओर ध्यान देंगे. कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश सरकार बेहतर तरीके से तैयार रहेगी.