देहरादून: जोशीमठ शहर (landslide in joshimath city) में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चमोली जिला प्रशासन की चिंता के बाद शासन ने एक टीम जोशीमठ शहर की जांच के लिए भेजी थी. इस टेक्निकल टीम में IIT रुड़की, ISRO, GSI, सर्वे ऑफ इंडिया और आपदा प्रबंधन के अधिकारी थे. ये टीम जोशीमठ शहर की निरीक्षण कर लौट चुकी है. देहरादून पहुंचे टीम के सदस्यों से ईटीवी भारत ने बात की. जिसमें हमने जोशीमठ शहर में हो रहे भूधंसाव के कारणों को जानने के साथ ही निरीक्षण में क्या कुछ निकला इसके बारे में जानकारी ली.
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में लगातार पिछले कई सालों से हो रहे भूधंसाव (landslide in joshimath city) ने उत्तराखंड सरकार की चिंताएं (Joshimath landslide increased the government concern) बढ़ा दी है. हाल ही में चमोली जिला प्रशासन ने जोशीमठ शहर में लगातार बिगड़ते जा रहे हालातों को लेकर शासन को अवगत कराया. जिसके बाद शासन ने तत्काल प्रभाव से अलग-अलग शोध संस्थाओं के विशेषज्ञों की एक टीम (Team of scientists sent to Joshimath for inspection) जोशीमठ रवाना की.
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर अपर सचिव आपदा प्रबंधन जितेंद्र कुमार सोनकर की अध्यक्षता में शोधकर्ताओं की एक कमेटी गठित की. शोधकर्ताओं के इस दल में अतिक्रमण विभाग, वाडिया इंस्टीट्यूट जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आईआईटी रुड़की और भौगोलिक गतिविधियों से जुड़े शोध संस्थाओं के शोधकर्ताओं को इस कमेटी में शामिल किया गया. 16 अगस्त 2022 को शोधकर्ताओं के इस दल को तत्काल प्रभाव से जोशीमठ शहर के धरातलीय हालातों का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया.