देहरादून/अल्मोड़ा/पौड़ी:उत्तराखंड में 2 नवंबर यानी सोमवार से स्कूल खुलने जा रहे हैं. प्रदेश में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए विद्यालयों को खोलने का कैबिनेट ने पहले ही निर्णय ले लिया था. मगर कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते फिलहाल स्कूलों को खोले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी स्कूलों को खोले जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने साफ किया है कि 2 नवंबर से दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूल खोले जाएंगे. स्कूलों के साथ सोमवार से ही कोचिंग सेंटर खोलने का भी फैसला लिया गया है.
अभिभावकों की इजाजत के बाद ही स्कूल आ सकेंगे विद्यार्थी
प्रदेश में 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल खुल रहे हैं. गाइड लाइन के अनुसार 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को अभिभावकों की अनुमति के बाद ही स्कूल आने की इजाजत होगी.
कोचिंग सेंटर भी सोमवार से खोले जाने का निर्णय
स्कूलों के साथ ही कोचिंग सेंटर भी सोमवार से खुल रहे हैं. जिलाधिकारी देहरादून आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूलों की गाइडलाइन के अनुसार ही कोचिंग सेंटर भी खोले जा रहे हैं. खास बात यह है कि कोचिंग सेंटर में आने वाले छात्रों को भी अभिभावकों की इजाजत के बाद ही सेंटर्स पर आने की अनुमति होगी.
निजी स्कूल छात्रों की जिम्मेदारी लेने को नहीं तैयार
प्रदेश में स्कूल खोले जाने को लेकर भले ही सरकार तैयार हो मगर निजी स्कूल इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं, अब भी निजी स्कूल संचालक छात्रों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं. संचालकों का साफ कहना है कि छात्रों के कोविड-19 से ग्रसित होने पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. प्रशासन या शिक्षा विभाग स्कूलों में की गई तैयारी की निगरानी कर सकता है लेकिन इसके बाद भी यदि छात्रों में संक्रमण होता है तो विद्यालयों को इसका दोषी नहीं बनाया जा सकता.
अभिभावक संघ फिलहाल स्कूलों को खोलने के खिलाफ
स्कूलों को खोले जाने को लेकर अभिभावक संघ अभी इसके खिलाफ है. संघ के मुताबिक संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में स्कूलों को फिलहाल नहीं खोला जाना चाहिए. बोर्ड की कक्षाओं को खोलने का निर्णय यदि करना है तो केवल परीक्षा के दौरान ही छात्रों को बुलाया जाये. अभिभावक संघ के मुताबिक अभी 90 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावक अपने छात्रों को स्कूलों में नहीं भेजना चाहते हैं.