देहरादूनःएक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने और सशक्त बनाने को लेकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को साकार करने में जुटी है. तो वहीं, समाज का एक तबका, सरकार के इस अभियान पर ग्रहण लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. जी हां ये मामला राजधानी देहरादून के कारगी का है जहां एक पिता ने नौंवी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी की पढ़ाई छुड़ा दी थी. हालांकि, अधिकारियों के लाख समझने के बाद आखिरकार उस पिता की आंख खुली और वह अपनी बेटी को दोबारा से स्कूल भेजने के लिए राजी हुआ.
प्रदेश में सभी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले इसको लेकर राज्य सरकार समय-समय पर पहल करती रहती है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार समय-समय पर अधिकारियों को जिलों में भ्रमण कर निरीक्षक करना होता है.
इसी क्रम में सिंचाई सचिव भूपिंदर कौर औलख भी अपने बच्चों के साथ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी स्थित स्कूल निरीक्षण पर गयी थीं जहा उनको इस बात की जानकारी मिली कि एक हलीमा नाम की बच्ची, जिसके पिता उसके स्कूल जाने से सहमत नहीं हैं.