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छात्रवृत्ति घोटाला में सात और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज, जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य - छात्रवृत्ति घोटाले में सात शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की परत दर परत खुलने लगी है. घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को जांच में चौंकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं. अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों की बंदरबांट की गई है. वहीं, SIT ने अब इस मामले में सात और कॉलेजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

छात्रवृत्ति घोटालाः
छात्रवृत्ति घोटालाः

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Published : Feb 7, 2020, 2:31 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. एसआईटी ने सात और घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों के खिलाफ डालनवाला और वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. एसआईटी के अध्यक्ष एसपी टीसी मंजूनाथ के अनुसार, इन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ करीब सात करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की रकम हड़पने का आरोप है.

एसआईटी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमों में 6 घोटालेबाज संस्थान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मेरठ के हैं, जबकि एक कॉलेज देहरादून में स्थित है. पूर्व की तरह ही इन कॉलेजों ने भी जाली दस्तावेजों के आधार पर अपने संस्थान में छात्र-छात्राओं का फर्जी दाखिला कर समाज कल्याण अधिकारियों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति के नाम करोड़ों रुपए की रकम हड़पी गई है.

इन कॉलेजों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज

  • शाकंभरी मेडिकल कॉलेज रिसर्च सेंटर बादशाही बाग सहारनपुर, उत्तर प्रदेश.
  • मिलेनियम इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, रुड़की-देहरादून नेशनल हाईवे बिहारीगढ़ सहारनपुर, उत्तर प्रदेश.
  • कृष्णा प्राइवेट आईटीआई कमालपुर ,सहारनपुर उत्तर प्रदेश.
  • कमलेश पैरामेडिकल प्राइवेट आईटीआई, कमालपुर छुटमलपुर मुजफ्फराबाद बेहट सहारनपुर उत्तर प्रदेश.
  • यूपी कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निकल, कमालपुर सहारनपुर उत्तर प्रदेश.
  • श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की बाईपास रोड, सरधना मेरठ उत्तर प्रदेश.
  • लैंडमार्क इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, वसंत विहार देहरादून.

एसआईटी जांच टीम के मुताबिक, मुकदमे दर्ज करने से पूर्व की गई जांच पड़ताल में पाया गया कि साल 2013-14 में जिला समाज कल्याण अधिकारियों की मिलीभगत से शाकंभरी पैरामेडिकल मेडिकल ऑफ रिसर्च सेंटर बादशाहीबाग सहारनपुर स्थित संस्थान को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 44,25,060 की धनराशि आवंटित की गई. जांच में पता चला कि छात्रों को कॉलेज में न तो दाखिला मिला है और न ही कोई छात्रवृत्ति.

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इसी तरह मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बिहारीगढ़ उत्तर प्रदेश स्थित संस्थान को भी साल 2012-13 से 2014 -15 के बीच 1 करोड़ 69 लाख 54 हजार 325 रुपये की छात्रवृत्ति दी गई. इस संस्थान में भी जांच करने पर पता चला कि छात्रों को न यहां एडमिशन मिला और न ही छात्रवृत्ति. जांच पड़ताल में पता चला कि छात्रों के खातों में एक ही मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया है, जिसके द्वारा धनराशि निकाली की गई.

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