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सरकार के खिलाफ SC/ST इम्प्लाइज फेडरेशन को मिला विधायक ममता राकेश का साथ

सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश में सीधी भर्ती के पदों पर आरक्षण रोस्टर नए सिरे से जारी किया है. जिसके बाद उत्तराखंड में एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन और सामान्य, ओबीसी इम्पलाइज फेडरेशन आमने-सामने आ गए हैं.

SC/ST इम्प्लाईज फैडरेशन ने किया विरोध.

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Published : Sep 15, 2019, 8:37 PM IST

देहरादून: आरक्षण और रोस्टर में हुए बदलाव को लेकर उत्तराखंड एससी, एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन ने नगर निगम टाउन हॉल में प्रदेश स्तरीय बैठक की. बैठक में फेडरेशन से जुड़े कार्यकर्ताओं और समाज के लोगों ने सरकार के किए गए बदलाव का पुरजोर विरोध किया. कार्यक्रम में भगवानपुर विधायक ममता राकेश भी पहुंची, जहां उन्होंने फेडरेशन और समाज के साथ खड़े रहने की बात कही और जरूरत पड़ने पर आंदोलन में साथ निभाने का वादा भी किया.

SC/ST इम्प्लाईज फैडरेशन ने किया विरोध.

बता दें कि सूबे की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश में सीधी भर्ती के पदों पर आरक्षण रोस्टर नए सिरे से जारी किया है. जिसके बाद उत्तराखंड में एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन और सामान्य, ओबीसी इम्पलाइज फेडरेशन आमने-सामने आ गए हैं. सवर्ण समाज को सीधी भर्ती के पदों पर 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने नए सिरे से सीधी भर्ती के लिए आरक्षण का रोस्टर तैयार किया है.

भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने बताया कि एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन ने रोस्टर को पूरी तरह से गलत बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है. एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन का कहना है कि नए आरक्षण रोस्टर में पहले स्थान से अनुसूचित जाति का पद हटाकर सामान्य जाति को दिया गया है जो कि सरासर गलत है.

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उन्होंने बताया कि पहले सीधी भर्ती एससी, एसटी के लिए होता था, लेकिन अब छठे स्थान पर कर दिया गया है. अनुसूचित समाज के कर्मचारी जो अलग अलग विभागों में काम कर रहे हैं. उनकी न तो पदोन्नति होगी और न ही भर्ती में स्थान मिल पायेगा. एससी, एसटी समाज के लिए बहुत बड़ा अन्याय हुआ है.

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