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Joshimath Sinking: रिपोर्ट की अनदेखी ने जोशीमठ के अस्तित्व को संकट में डाला? मंत्री ने स्वीकारी हकीकत - Satpal Maharaj Joshimath Sinking report

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर राज्य सरकार के पास पहले से रिपोर्ट थी. ये बात कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कही है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सरकार के पास पहले से ही जोशीमठ की रिपोर्ट थी तो समय रहते इसे लेकर गंभीरता से काम क्यों नहीं किया गया.

Joshimath Sinking
जोशीमठ मामले पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

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Published : Jan 28, 2023, 7:04 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 7:11 PM IST

जोशीमठ मामले पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज.

देहरादून: जोशीमठ में अभी तक 863 से अधिक मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं. करीब 181 मकान खतरे की जद में आ चुके हैं. राज्य सरकार जोशीमठ में जोरों-शोरों से राहत बचाव कार्य कर रही है. ऐसे में उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का एक बड़ा बयान सामने आया है. जिसने जोशीमठ को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिये हैं.

दरअसल, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की रिपोर्ट उनके और सरकार के पास पहले से ही थी. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि रिपोर्ट होने के बावजूद इस ओर ठोस पहल पहले क्यों नहीं की गई? अगर जोशीमठ में समय रहते कदम उठा लिये जाते तो आज यहां आपदा जैसे हालात नहीं होते.

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उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जोशीमठ में बनी इस स्थिति को लेकर बड़ा खुलासा किया. सतपाल महाराज ने कहा जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना अभी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा जोशीमठ बहुत पहले से धंस रहा है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा यह रिपोर्ट सरकार और उनके पास पहले से ही थी. यही नहीं, महाराज ने कहा उत्तराखंड के पर्वत अभी नए हैं. जिसके चलते यहां भूगर्भीय हलचलें होती रहती हैं, जिससे सड़कें धंसती रहती है. राज्य सरकार यहां रिपेयरिंग का काम कराती रहती है.

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जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव की असल वजह को जानने के लिए 8 संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में सर्वे का काम कर रही है. साथ ही प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और विस्थापन को लेकर भी राज्य सरकार की ओर से कार्य किए जा रहे हैं. अभी तक प्रभावित परिवारों को लाखों रुपए दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी जोशीमठ की स्थिति जस की तस बनी हुई है. ऐसे में राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को पुनर्वास को लेकर तमाम पहल कर रही है. साथ ही पुनर्वास के लिए चिन्हित जगहों का भी भू-सर्वेक्षण कराया जा रहा है, ताकि जहां प्रभावित परिवारों को पुनर्स्थापित किया जाए.

Last Updated : Jan 28, 2023, 7:11 PM IST

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