देहरादूनःउत्तराखंड वन विभाग में वन अधिकारियों के कथित गड़बड़झाले उनके लिए अब मुसीबत बन जाएंगे. महकमे के ईमानदार वन अधिकारी संजीव चतुर्वेदी (IFS Sanjeev Chaturvedi) अब उन सभी मामलों की जांच करने वाले हैं, जिसको लेकर न केवल एनटीसीए बल्कि, भारत सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय अपनी टिप्पणी देते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने तक की बात कह चुका है. खास बात ये है कि शासन के निर्देशों के बाद जांच अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को 2 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा गया है.
उत्तराखंड वन विभाग में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, संरक्षित वन क्षेत्रों में कथित अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर नैनीताल हाईकोर्ट तक में ये मामला विचाराधीन है. उधर, वन विभाग को 8 नवंबर को नैनीताल हाईकोर्ट में अपना जवाब भी दाखिल करना है. बड़ी बात यह है कि एनटीसीए ने साइट इंस्पेक्शन रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. इतना ही नहीं एक मामले में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने भी टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार को उचित कार्रवाई के लिए कहा है.
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उत्तराखंड के संरक्षित क्षेत्र में कथित अवैध निर्माण का मामला पूर्व में प्रकाश में आया था, लेकिन वन विभाग ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, लेकिन अब जब यह मामला कोर्ट पहुंचा है, उसके बाद वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं. कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग के पाखरो वन विश्राम गृह और कालागढ़ वन विश्राम गृह के बीच अवैध निर्माण की रिपोर्ट दी गई है. इसके अलावा जलाशय निर्माण और पाखरो टाइगर सफारी के निर्माण में अवैध पेड़ काटे जाने से जुड़ी रिपोर्ट एनटीसीए की तरफ से दी गई है.