डोइवाला: सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है. पार्क के अधिकारियों ने रामगढ़ रेंज के ग्रामीणों को इको सेंसिटिव जोन की जानकारी दी. साथ ही इस दायरे में प्रतिबंधित अन्य चीजों के बारे में भी बताया. जिसे लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने पार्क प्रशासन पर अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है.
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के इको सेंसेटिव जोन से गुस्साएं ग्रामीण. वहीं मामले को लेकर शिमलाश ग्रांट के पूर्व प्रधान उम्मेद बोरा ने बताया कि पहले भी सुविधाएं देने के नाम पर राजाजी पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों से कागज पर साइन करवाए थे. लेकिन किसी भी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं दिया गया. वहीं अब पार्क में इको सेंसेटिव जोन बनाकर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों पर नियम कानून थोपे जा रहे हैं, जो कि ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है.
वहीं मारखम ग्रांट के पूर्व प्रधान परमंदिर सिंह ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सीमा से 10 किलोमीटर का एरिया इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की तैयारी की जा रही है. जिससे ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही परमिंदर सिंह ने बताया कि 10 किलोमीटर के दायरे में एक दर्जन से अधिक गांवों और 8 ग्राम सभाएं प्रभावित हो रही हैं. जिसका ग्रामीण पुर जोर विरोध करेंगे.
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राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इको सेंसिटिव जोन को बनाने के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई थी. जिसमें ग्रामीणों से सुझाव मांगे भी गए. वहीं पार्क के वार्डन अजय वर्मा ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत कुछ चीजों को प्रतिबंधित किया गया है.