मानसून की दस्तक से पहले उठने लगे स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल देहरादून: राजधानी में चल रहे स्मार्ट सिटी के अव्यवस्थित कार्य आम जनता के लिए मुसीबत बने हुए हैं. हालांकि, दिक्कतें अभी उतनी नहीं हैं, लेकिन 28 जून से मानसून की दस्तक के बाद दिक्कतें और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. यही वजह है कि ना सिर्फ विपक्ष, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक भी स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों पर सवाल खड़े कर चुके हैं, क्योंकि, स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों की वजह से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सीएम के निर्देश के बाद भी पूरे नहीं हुए कार्य:मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 28 जून को मानसून दस्तक दे सकता है. हालांकि प्रदेश में प्री मानसून ने दस्तक दे दी है. राज्य के कई इलाकों को चिन्हित भी किया गया है, जहां पर भारी बारिश के आसार हैं. देहरादून की बात करें, तो यहां पर बीते दिनों हुई बारिश के चलते सड़कों में जलभराव की स्थिति देखने को मिली है. जिससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्मार्ट सिटी के कार्य तय समय पर पूरे करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी भी निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पाए हैं.
कार्यदायी संस्था पर लगेगी पेनल्टी:जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि स्मार्ट सिटी का कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कामों में ढिलाई बरती गई या फिर तय समय पर काम पूरा नहीं किया गया, तो कार्यदायी संस्था पर पेनल्टी लगाई जाएगी. जिससे सभी ठेकेदारों में यह मैसेज चला जाए कि अगर काम में ढिलाई बरती गई तो, कार्रवाई की जाएगी.
कार्यों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने उठाए सवाल:राजपुर विधानसभा सीट से विधायक खजान दास एक बार फिर स्मार्ट सिटी के आधे अधूरे कार्यों को लेकर सख्त होते नजर आ रहे हैं. इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मानसून शुरू होने से पहले स्मार्ट सिटी के कामों को पूरा कर लिया जाए, जिससे जनता को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि विपक्ष के आरोपों की पुष्टि अब सत्ता पक्ष के विधायक भी करते हैं, क्योंकि जनता उनसे भी सवाल पूछ रही है कि देहरादून कब स्मार्ट बनेगा.
महानगर होने की वजह से कार्य में लग रहा समय:बीजेपी प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि जब भी बारिश होती है, उस दौरान नालियां चोक हो जाती हैं. जिसकी मुख्य वजह लोगों द्वारा घरों का कचरा नालियों में डालना है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी कार्य के तहत पार्क का निर्माण, नई सड़कों का निर्माण, पुरानी सड़कों पर डामरीकरण, नालियों का निर्माण और नई- नई सीवर लाइनों का निर्माण का कार्य किया गया है. साथ ही कहा कि देहरादून महानगर का क्षेत्र काफी बड़ा क्षेत्र है, जिसके चलते कुछ जगहों पर काम पूरे हो गए हैं, तो कुछ जगह पर काम चल रहे हैं.
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578 करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च:पिछले 5 सालों से देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं. जिसके लिए करीब 578 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं, लेकिन इतना बजट खर्च होने के बाद भी देहरादून स्मार्ट बनना तो दूर जनता की मुसीबतें बढ़ाने वाला नजर आने लगा है. अब यह मुसीबतें दोगुनी होने जा रही हैं, क्योंकि प्री मानसून भी अपनी दस्तक दे चुका है.
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