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स्टाफ की कमी से जूझ रहा RTO देहरादून, यह हैं प्रमुख कारण - आरटीओ कार्यालय में स्टाफ की कमी

इन दिनों संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय देहरादून अधिकारी और कर्मचारियों की कमी से जूझ रह है. ऐसे में लोगों के काम तय समय पर नहीं हो पा रहे हैं.

Dehradun RTO Office
Dehradun RTO Office

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Published : Jul 24, 2021, 7:29 PM IST

देहरादून:राज्य गठन के बाद से लेकर अबतक जनपद देहरादून में वाहनों की कुल संख्या बढ़कर 10 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, स्थिति कुछ यह है हर साल संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय देहरादून में 50 हजार वाहन पंजीकृत हो रहे हैं. इस स्थिति में एक तरफ कार्यालय में काम का भार बढ़ रहा है. तो वहीं, इसके सापेक्ष कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है.

आरटीओ (प्रशासन) देहरादून दिनेश पठोई ने बताया कि कार्यालय में बीते कुछ सालों में वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते काम का भार काफी बढ़ चुका है. ऐसे में वर्तमान में कार्यालय के लिए स्वीकृत कुल 62 पदों में से वर्तमान में लगभग 40 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं. इस स्थिति में कार्यालय में मौजूद एक कर्मचारी से ही कई काम लेने पड़ रहे हैं.

स्टाफ की कमी से जूझ रहा RTO देहरादून.

बता दें, देहरादून आरटीओ कार्यालय ने जिन पदों पर स्टाफ की भारी कमी है, उसमें आरआई (Road inspector) के पद के साथ ही टैक्स अनुभाग के कुछ पद शामिल हैं. इसके साथ ही प्रवर्तन से जुड़े कार्यों को बेहतर तरह से लागू करने के लिए कार्यालय को कुछ सिपाहियों की भी जरूरत है.

आरटीओ देहरादून में कर्मचारियों की कमी के संबंध में उत्तराखंड परिवहन उपायुक्त सनत कुमार सिंह का कहना है कि स्टाफ की कमी सिर्फ देहरादून आरटीओ कार्यालय में ही नहीं है. बल्कि प्रदेश के 6 अन्य आरटीओ कार्यालय में भी है. इसमें विशेष रूप से टेक्निकल स्टाफ के साथ ही आरआई और सिपाहियों के पद शामिल हैं.

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उन्होंने बताया कि पिछले साल आयुक्त कार्यालय की ओर से प्रदेश के सभी आरटीओ दफ्तरों के लिए लगभग 400 पदों का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से शासन स्तर से 130 पदों को स्वीकृति प्रदान की गई थी. ऐसे में अभी भी देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न आरटीओ दफ्तरों में स्टाफ की कमी चल रही है, जिसे देखते हुए जल्द ही आयुक्त कार्यालय की ओर से दोबारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा.

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