देहरादून:राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आगामी 10 मई को नारद जयंती के अवसर पर राजधानी देहरादून के एफआरआई में संघ दर्शन नामक एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कराने जा रहा है, जिसकी तैयारियां स्वयंसेवकों ने शुरू कर दी गई है. फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट कैंपस में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें करीब 11 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है.
"संघ दर्शन" कार्यक्रम का होगा आयोजन. दरअसल संघ अपने दायरे को बढ़ाने के लिए हर साल अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करता है. देहरादून में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर अभी से बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है. महानगर कार्यालय द्वारा कराए जाने वाले इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आरएसएस के महानगर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है, ताकि कार्यक्रम दिव्य और भव्य रूप से आयोजित हो सके.
कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य गठन से अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा हजारों स्वयंसेवक अकेले इस कार्यक्रम में शामिल कराने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है. जो युवा व स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित हैं, ऐसे ऊर्जावान युवाओं को आरएसएस की विचारधारा से अवगत कराना, योग सिखाना, गीत सिखाना और आरएसएस के मुख्य एजेंडे से रूबरू कराया जाएगा.
गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा कार्यक्रम साल 2013 में देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में नवसृजन शिविर के नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें मुख्य रूप से विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर के प्रतिभाग किया था. इसके अलावा हरिद्वार और देहरादून में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में खास बात यह रहेगी कि इस कार्यक्रम का स्वरूप काफी बड़ा होगा.
कार्यक्रम के लिए देहरादून नगर को कई भागों में बांटा गया है. दरअसल देहरादून में कुल 134 बस्तियों में आरएसएस की 117 शाखाएं संचालित की जाती हैं. आरएसएस के सह प्रान्त प्रचार प्रमुख संजय ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. कार्यक्रम आयोजित कराने वाले स्वयंसेवकों में भी खासा उत्साह दिखाई दे रहा है.
साथ ही बताया कि संयुक्त प्रांत उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अभी तक ब्लॉक स्तर, मंडल स्तर और जिला स्तर पर उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित कराए जा चुके हैं, लेकिन राजधानी में इतने बड़े स्तर पर अभी तक कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ है.