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केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणाओं से उत्तराखंड के इन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर

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Published : May 18, 2020, 2:30 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिन तक दिन 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत कई अहम घोषणाएं कीं. केंद्र की तरफ से आर्थिक पैकेज की घोषणा के चलते प्रदेश में स्वरोजगार और आर्थिक संसाधनों में मजबूती की भी उम्मीद है.

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण.

देहरादून: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की घोषणाओं में राज्यों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने और गांवों में लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिलने का दावा किया गया है. ऐसे में उत्तराखंड को भी इसका लाभ मिलना तय है. प्रदेश में स्वरोजगार और आर्थिक संसाधनों में मजबूती की भी उम्मीद है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की गयी घोषणाओं का उत्तराखंड को भी लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों के उधार लेने की सीमा को बढ़ाये जाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है. केंद्र की सहायता देने की घोषणा के बाद उत्तराखंड को हेल्थ और वैलनेस सेंटर स्थापित करने में सुविधा मिलेगी.

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प्रदेश में इन क्षेत्रों में मिलेगा लाभ

  • देश में मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन से गांवों में रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में उपलब्ध होंगे. इससे विशेष तौर पर वापस लौटकर आए प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा.
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने से संस्थागत ढांचा मजबूत होगा. साथ ही हेल्थ रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा. वहीं, प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश में वृद्धि होगी. इसके साथ ही हेल्थ और वैलनेस सेंटरों में सुविधाएं बढ़ेंगी. जिला और ब्लॉक स्तर पर संक्रामक रोग अस्पताल व पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना से हमारे हेल्थ सिस्टम का गांवों तक विस्तार होगा.
  • पीएम ई-विद्या के अंतर्गत विद्यालय शिक्षा के लिए दीक्षा योजना से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध रहेगी. वन क्लास-वन चैनल की शुरुआत से प्रदेश की जनता को भी लाभ मिलेगा.
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आगे बढ़ाया गया है. इससे प्रदेश के उद्योग जगत को वर्तमान कठिन परिस्थितियों से उबरने में काफी मदद मिलेगी.
  • नई सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम नीति से कार्यकुशलता में सुधार होगा और उत्पादन व रोजगार बढ़ेगा.
  • राज्यों के लिए उधार की सीमा को जीएसडीपी के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है. इससे राज्यों को वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी.

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