डोईवाला: उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग किस तरह से विकास की इबारत लिख रहा है, इसका एक उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में देखने को मिला है. डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के रामनगर डांडा में एक हफ्ते पहले बनाई गई सड़क हाथ मारते ही उखड़ने लगी है. ग्रामीणों के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर मनमानी कर लीपापोती करने का आरोप लगाया है.
जिस सड़क के लिए ग्रामीणों ने सालों तक दिया धरना, वो एक हफ्ते में ही उखड़ गई - लोक निर्माण विभाग पर घटिया सड़क निर्माण का आरोप
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के रामनगर डांडा में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सालों तक धरना दिया था. सालों के संघर्ष के बाद लोक निर्माण विभाग ने रामनगर डांडा में सड़क का निर्माण कराया, लेकिन वो भी एक हफ्ते में उखड़ गई.
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ग्रामीणों ने इस मामले में घटिया सड़क निर्माण पर जांच की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अधिकारियों को बेहतर कार्य करने के लिए निर्देश दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की रामनगर डांडा में ही कई सालों के धरना के बाद सड़क बनाई गई थी, लेकिन वो भी एक हफ्ते में उखड़ गई. सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने कहा कि विभाग ने सड़क बनाने में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है. उन्होंने सड़क की जांच की मांग की है.
ग्रामीणों के इन आरोपों को लोक निर्माण विभाग ने खारिज किया है. लोक निर्माण विभाग के अपर सहायक अभियंता दिनेश सिन्धवाल ने कहा कि ग्रामीण गलत आरोप लगा रहे हैं. सड़क बनाने में कोई लापरवाही नहीं की गई है. सड़क पर एक बार फिर कोटिंग की जायेगी.