ऋषिकेशः कोरोना कर्फ्यू में राहत न नहीं मिलने से नाराज निजी परिवहन व्यवसायी गुस्से में हैं. उन्होंने दो टूक कहा है कि सरकार अगर उनकी मांगों का निस्तारण नहीं करती है, तो वह 'नो रिलीफ नो वोट' की तर्ज पर आंदोलन शुरू करेंगे. परिवहन व्यवसायी ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भी भेजा है. साथ ही 10 जून को विधानसभा अध्यक्ष को नजरबंद करने का भी ऐलान किया है. उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि निजी परिवहन व्यवसाय से तकरीबन 10 लाख परिवार जुड़े हैं. लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से यह व्यवसाय अब रसातल में पहुंच गया है. वाहन स्वामी, चालक व परिचालकों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.
परिवहन व्यवसायियों का सब्र टूटा, विधानसभा अध्यक्ष को नजरबंद करने की दी चेतावनी - नो रिलीफ नो वोट
ऋषिकेश के परिवहन व्यवसायियों ने कोरोना कर्फ्यू में राहत न मिलने से 'नो रिलीफ नो वोट' की तर्ज पर आंदोलन शुरु करने का ऐलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने मांग पूरी न होने पर 10 जून को विधानसभा अध्यक्ष को नजरबंद करने का भी ऐलान किया है.
ऋषिकेश
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड परिवहन निगम का बढ़ेगा इनकम, बदले जाएंगे नियम!
उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने मांग की है कि वाहनों में 50 फीसदी सवारी के मद्देनजर किराए में बढ़ोतरी की जाए. साथ ही वाहनों के परमिट की अवधि मुफ्त में 2 साल तक बढ़ाने, वाहन स्वामी और चालक व परिचालक को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए टैक्स में छूट दी जाए. बता दें कि चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद प्रदेश के ट्रैवल व्यापारी सरकार से छूट देने के साथ आर्थिक पैकेज की भी मांग कर रहे हैं.
Last Updated : Jun 7, 2021, 6:14 PM IST