ऋषिकेश:21 जून को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाती है. वहीं, योग की राजधानी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कई आयोजन किए जाते हैं, लेकिन आज हम आपको उस संत के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने ऋषिकेश को योग की राजधानी के रूप में एक नई पहचान दिलाई थी.
महर्षि महेश योगी के लाखों अनुयायी थे
हम बात कर रहे हैं महर्षि महेश योगी की, जिन्हें योग और ध्यान को दुनिया के कई देशों में पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. पश्चिम में जब हिप्पी संस्कृति का बोलबाला था तो दुनिया भर में लाखों लोग महर्षि महेश योगी के अनुयायी थे. महर्षि महेश योगी का असली नाम महेश प्रसाद वर्मा था. महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गांव में हुआ था.
कई मशहूर हस्ती महर्षि योगी से जुड़े
उन्होंने इलाहाबाद से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि ली थी. 40 और 50 के दशक में वे हिमालय में अपने गुरू से ध्यान और योग की शिक्षा लेते रहे. महर्षि महेश योगी ने ध्यान और योग से बेहतर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ज्ञान का वादा किया और दुनिया के कई मशहूर लोग उनसे जुड़ गए. ब्रिटेन के रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य उत्तरी वेल्स में उनके साथ सप्ताहांत बिताया करते थे.
राजाजी नेशनल पार्क में चौरासी कुटिया
ऋषिकेश में महर्षि महेश योगी की बसाई चौरासी कुटी वो जगह है, जिसने ऋषिकेश को मेडिटेशन और योग सेंटर के रूप में दुनियाभर में पहचान दिलाई. यह आश्रम राजाजी नेशनल पार्क में स्थित है, जहां अब जंगली जानवर रहते हैं. इस 84 कुटी में ब्रिटेन का मशहूर रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी योग सिखने आए थे, जो करीब तीन महीने तक यहीं रुके थे. अब हर साल बड़ी तादाद में विदेशी टूरिस्ट इसे देखने आते हैं. यहां आने वाले विदेशी पर्यटक इस आश्रम को बीटल्स आश्रम के नाम से भी जानते हैं.
बीटल्स आश्रम क्यों पड़ा नाम ?
महर्षि महेश योगी बीटल्स आश्रम (84 कुटिया) आज भले ही खंडहर में तब्दील हो चुका हो, लेकिन आज भी ये खंडहर और वीरान जगह हजारों विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इस जगह को बीटल्स आश्रम क्यों कहा जाता है, इसके पीछे की एक वजह है. महर्षि महेश योगी ने 1962 में 84 कुटिया, एक भव्य आश्रम और एक ध्यान करने के लिए मेडिटेशन हॉल बनवाया था. ये जमीन उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें 20 साल के लिए लीज पर दी थी. महर्षि से ध्यान सीखने बीटल्स बंधु भी आए थे.