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ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण का मामला उलझा, पार्षद अजीत सिंह गोल्डी ने दिया इस्तीफा - कूड़ा निस्तारण के लिए बजट

ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण का मामला उलझता जा रहा है. बताया जा रहा है कि कूड़ा निस्तारण के लिए बजट तो स्वीकृत है, लेकिन रिलीज नहीं किया जा रहा है. जिससे नाराज पार्षद अजीत सिंह गोल्डी ने इस्तीफा दिया है.

Councilor Ajeet Singh Goldy
अजीत सिंह गोल्डी

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Published : Aug 23, 2022, 10:50 PM IST

ऋषिकेशः हरिद्वार रोड किनारे पर दशकों से डंप हजारों टन कचरे ने नई सियासी सुगबुगाहट पैदा कर दी है. इसकी वजह बने हैं स्थानीय पार्षद अजीत सिंह गोल्डी. कचरे के निस्तारण में बजट के पेंच फंसने के चलते देरी को लेकर पार्षद नाराज हैं. उन्होंने इस्तीफा तैयार कर लिया है. अब वो इस्तीफे को एसडीएम के माध्यम से डीएम को भेजने की तैयारी में हैं. हालांकि, पार्षद ने नगर निगम को अपना इस्तीफा भेज दिया है. पार्षद ने यह भी साफ कर दिया है कि वो अगली दफा के नगर निकाय में चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे.

दरअसल, ऋषिकेश में पिछले कुछ महीनों से डंपिंग ग्राउंड में जमा हजारों टन कचरा सियासत का भी मुद्दा बना हुआ है. दावा है कि बजट स्वीकृत है. बावजूद, शासन अवमुक्त करने को राजी होता नहीं दिख रहा है. इस बाबत पार्षद से लेकर मेयर तक राजधानी पहुंचकर सीएम और शासन में बैठे आला अफसरों को चिट्ठी सौंप चुके हैं. अब इसी मुद्दे को लेकर स्थानीय पार्षद अजीत सिंह ने बड़ा कदम उठाया है.

पार्षद अजीत सिंह का इस्तीफा पत्र.

उन्होंने ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण (Garbage Disposal in Rishikesh) में देरी का हवाला देते हुए इस्तीफा तैयार किया है. जो कि डीएम देहरादून के नाम पर है. नगर निगम में भी पार्षद का इस्तीफा (Ajeet Singh Goldy resigned) पहुंच गया है. निगम ने पार्षद के इस्तीफे को रिसीव भी कर लिया है. यह इस्तीफा अभी भले ही डीएम तक न पहुंचा हो, लेकिन लोकल राजनीति के व्हाट्सएप गलियारों में तेजी से वायरल है.

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हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार है. क्षेत्रीय विधायक खुद नगर निकायों से ही जुड़े विभाग शहरी विकास के मंत्री हैं. मेयर भी सत्ताधारी बीजेपी से हैं. बावजूद, कूड़ा निस्तारण के लिए बजट की कमी. ऐसे में अक्सर कई तरह की चर्चाएं आम हो गई हैं. पार्षद के इस्तीफा देने की तैयारी ने अब इन चर्चाओं के बीच एक नई सियासी बहस छेड़ दी है, जिसमें कहीं चर्चा जनहित तो कहीं छवि बचाने की है. हालांकि, इस सबके बीच कूड़ा निस्तारण का काम प्रभावित है. बता दें कि कूड़ा निस्तारण का यह मामला कई सालों से निकाय के चुनाव में बड़ा मुद्दा बनता रहा है.

क्या बोले अजीत सिंह गोल्डी? उधर, ऋषिकेश नगर निगम (Rishikesh Municipal Corporation) के पार्षद अजीत सिंह गोल्डी का कहना है कि इसी मुद्दे को लेकर वो चुनाव लड़े थे. क्षेत्र के लोगों ने भरोसा करते हुए उन्हें जीत भी दिलाई, लेकिन कूड़े के निस्तारण में होती देरी के चलते स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं. कई दफा कहने के बावजूद कार्रवाई न होने के चलते इस्तीफा देना पड़ रहा है. अजीत सिंह ने यह भी कहा कि वो अगले नगर निकाय चुनाव में क्षेत्र से पार्षद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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