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लॉकडाउन में दो वक्त की रोटी थी मुश्किल, अब रिक्शे की मरम्मत को हैं लाचार

लॉकडाउन में करीब 11 महीने तक बेरोजगार होने के बाद मसूरी माल रोड पर चलने वाले रिक्शा चालकों की आर्थिक हालत दयनीय हो चुकी है. इस हालत में वो जैसे-तैसे दो वक्त की रोटी का तो जुगाड़ कर लेते हैं, लेकिन अपने रिक्शे का मेंटेनेंस नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में पर्यटक भी उनके रिक्शों में नहीं बैठ रहे हैं.

Mussoorie news
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Published : Feb 17, 2021, 3:50 PM IST

मसूरी: लॉकडाउन के बाद मसूरी का पर्यटन कारोबार तो धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है, लेकिन रिक्शा चालक अभी भी दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. माल रोड पर पर्यटकों को एक छोर से दूसरे छोर तक ले जाने के लिए साइकिल रिक्शा संचालित किए जाते हैं. लेकिन अब इन रिक्शों को चलाने वालों की हालत खराब हो गई है.

रिक्शा चालकों के सामने नई मुसीबत.

लॉकडाउन में करीब 11 महीने तक बेरोजगार होने के बाद मसूरी माल रोड पर चलने वाले रिक्शा चालकों की आर्थिक हालत दयनीय हो चुकी है. इस हालत में वो जैसे-तैसे दो वक्त की रोटी का तो जुगाड़ कर लेते हैं, लेकिन अपने रिक्शा का मेंटेनेंस नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में पर्यटक भी उनके रिक्शों में नहीं बैठ रहे हैं.

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रिक्शा चालकों का कहना है कि अब पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है. लेकिन उनके रिक्शे इस स्थिति में नहीं हैं कि पर्यटक उनमें बैठे सकें. पिछले 11 महीने से उनके रिक्शे ऐसे ही खड़े थे. इन्हें मरम्मत की जरूरत है. लेकिन 11 महीने बेरोजगार होने के बाद उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे रिक्शे का मेंटेनेंस करा सकें. अभी जो कमाई हो रही है उससे वो जैसे-तैसे दो वक्त की रोटी का ही जुगाड़ कर पा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने नगर पालिका मसूरी और सरकार के मांग की है कि उनकी थोड़ी मदद की जाए. ताकि वो अपने रिक्शा की स्थिति सुधार सकें. क्योंकि साइकिल रिक्शा ही उनके रोजगार के एक मात्र साधन है.

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