देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में स्थापित हिलटॉप शराब फैक्ट्री सुर्खियों में है. त्रिवेंद्र सरकार ने इसे पिछली सरकार की कारगुजारी बताया तो वहीं हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने तो पानी और फ्रूटी बॉटलिंग प्लांट की अनुमति दी थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने शराब को बढ़ावा दिया. जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि हरीश रावत ने अगर पानी का प्लांट स्वीकृत किया था तो उसके लिए आबकारी से अनुमति क्यों ली? सीएम त्रिवेंद्र ने मजाकिया लहजे से हरीश रावत पर चुटकी ली और कहा कि क्या उत्तराखंड का पानी इतना विषैला हो गया जो हरीश रावत को आबकारी से इसके प्लांट के लिए अनुमति लेनी पड़ी.
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हिलटॉप को लेकर उत्तराखंड में सियासत अपने चरम पर है. सोशल मीडिया पर सरकार के ऊपर कई तरह के व्यंग हिलटॉप और प्रदेश के अन्य मुद्दों को जोड़ कर देखा जा रहा है. कभी प्रदेश में पुस्तक व शिक्षक की मांग को हिलटॉप शराब से तुलना करते हुए कहा जा रहा है कि मांगा क्या था और सरकार क्या दे रही है तो कभी रोजगार और हिलटॉप शराब की तुलना में कहा जा रहा है कि हिलटॉप नहीं रोजगार दो. इस मामले में सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.