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स्थायी राजधानी का मुद्दा फिर हुआ गर्म, देहरादून में नई विधानसभा पर बहस तेज

उत्तराखंड के बने हुए 20 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. लेकिन आजतक प्रदेश की स्थायी राजधानी की हल नहीं निकल पाया है. बीजेपी और कांग्रेस अपनी जरूरत के अनुसार समय-समय पर इस मुद्दे पर राजनीति जरूर करती है.

देहरादून
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Published : Jul 10, 2020, 8:58 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 12:50 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन के दौरान स्थायी राजधानी का मुद्दा फिर राजनीति में गर्म है. हाल ही में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने को लेकर वाहवाही लूटने वाली त्रिवेंद्र सरकार अब स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस के निशाने पर आ गई है.

त्रिवेंद्र सरकार ने स्थायी राजधानी का जो दांव खेला था, उस पर कांग्रेस पानी फेर देना चाहती है. देहरादून के रायपुर क्षेत्र में नई विधानसभा बनवाने की चर्चाओं के बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने तीखे तीर त्रिवेंद्र सरकार पर चलाए हैं.

स्थायी राजधानी का मुद्दा फिर हुआ गर्म.

दरअसल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने आरोप लगाया है कि त्रिवेंद्र सरकार रायपुर में नई विधानसभा के काम को आगे बढ़ाने जा रही है, जबकि दूसरी तरफ यही सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर स्थायी राजधानी बनाने का संकेत दे चुकी है. ऐसे में कर्जे में डूबते इस प्रदेश में दो-दो जगह पर विधानसभा बनाए जाना कितना सही है.

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इस संवेदनशील मसले पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की जो रणनीति बनाई है, बीजेपी ने उसे उल्टा कांग्रेस के ही पाले डाल दिया है. बीजेपी के मुताबिक रायपुर में विधानसभा बनाने की शुरुआत कांग्रेस सरकार में हुई थी. ऐसे में कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उस दौरान कांग्रेस क्यों गैरसैंण को भूल गई थी? हालांकि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र के वादे को पूरा कर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को घोषित कर दिया है.

उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का मुद्दा समय-समय पर राजनीतिक पार्टियों अपनी जरूरत के अनुसार उठाती है. राजनीतिक दल भी बखूबी जानते है कि जनता के बीच इस मुद्दे को उठाने से उन्हें कब और कितना लाभ मिलेगा.

Last Updated : Jul 12, 2020, 12:50 PM IST

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