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ग्राहकों को समय पर पजेशन न देने वाले बिल्डरों पर चला रेरा का डंडा, 10 करोड़ की लगाई पेनल्टी

रेरा के चेयरमैन विष्णु कुमार के मुताबिक, प्राधिकरण सचिव की ओर से रिकवरी-पत्र को संबंधित जिले के डीएम माध्यम से डिफाल्टर बिल्डरों को नोटिस के रूप में लगातार भेजा जा रहा है. अबतक कुल 10 करोड़ की रिकवरी में से 2.5 करोड़ रुपए के पेनल्टी रेरा प्राधिकरण के खाते में आनी निर्धारित हुई है.

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Published : May 8, 2019, 5:41 PM IST

Updated : May 8, 2019, 5:54 PM IST

देहरादून:रियल स्टेट बिल्डरों द्वारा ग्राहकों से फ्लैट व अपार्टमेंट्स की तय रकम वसूलने के बाद भी समय से पजेशन ना देने वाले प्रोजेक्ट बिल्डरों की अब खैर नहीं. उत्तराखंड भू- संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) अब इस तरह के मामलों में ग्राहकों की शिकायतों पर बिल्डरों से रिकवरी वसूलने की तैयारी कर रहा है. रेरा ने अबतक जिलाधिकारी के माध्यम से 7 डिफाल्टर बिल्डरों से लगभग दस करोड़ की पेनल्टी वसूलने का नोटिस जारी कर चुका है.

ग्राहकों को समय पर पजेशन न देने वाले बिल्डरों पर चला रेरा का डंडा,

बता दें कि उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे जिलों में सबसे ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बिल्डरों की मनमानी जारी है. जहां ग्राहकों को तय समय पूरा होने के बाद भी घरों की पजेशन नहीं दी गई है. वहीं, सबसे अधिक ऐसे 90 मामले अकेले हरिद्वार में ही शिकायत के रूप में रेरा के पास पहुंचे है. अधिकारियों की माने तो अभी तक सूबे से 300 से अधिक ऐसे मामलों की शिकायत उनतक पहुंची है. रेरा के चेयरमैन विष्णु कुमार के मुताबिक, प्राधिकरण सचिव की ओर से रिकवरी-पत्र को संबंधित जिले के डीएम माध्यम से डिफाल्टर बिल्डरों को नोटिस के रूप में लगातार भेजा जा रहा है. अबतक कुल 10 करोड़ की रिकवरी में से 2.5 करोड़ रुपए के पेनल्टी रेरा प्राधिकरण के खाते में आनी निर्धारित हुई है. साथ ही अगले कुछ ही दिनों में 20 से अधिक बिल्डरों पर भी इसी तरह की पेनल्टी वसूलने की तैयारी की जा रही है. फ्लैट व अपार्टमेंट खरीदने वाले ग्राहकों की शिकायतों पर रेरा सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों तक घरों की पजेशन ना मिलने की दशा में सख्त रुख अपनाते हुए एरियर ऑफ लैंड रेवेन्यू अधिकार के तहत बिल्डरों से ब्याज सहित रकम वसूलेगा.

गौरतलब है कि प्रदेश में रियल स्टेट बिल्डरों की मनमानी के लगातार मामले सामने आने के बाद साल 2017 में उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन हुआ था. लेकिन साल 2018 में रेरा के चेयरमैन के रूप में विष्णु कुमार के कार्यभार संभालते के बाद से रियल स्टेट से जुड़े बिल्डरों के खिलाफ लगातार ग्राहकों की शिकायतें मिल रही है. हालांकि, तमाम शिकायतों के बावजूद भी कई मामलों में ग्राहकों को अभीतक बिल्डरों द्वारा फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स की पजेशन नहीं दी गई है. ऐसे में सुनवाई पूरी होने के बाद 45 दिनों के बाद भी बिल्डरों द्वारा ग्राहकों को पजेशन ना दिए जाने के बाद रेरा ने एरियर ऑफ लैंड रेवेन्यू अधिकार के तहत मनमानी करने वाले रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बिल्डरों से पेनल्टी वसूलने की तैयारी कर रहा है.

Last Updated : May 8, 2019, 5:54 PM IST

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