देहरादूनः भारतनेट फेज-2 के दूसरे चरण का आगाज हो गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने औपचारिक रूप से इसकी शुरूआत कर दी है. सीएम त्रिवेंद्र की मानें तो इस योजना के तहत उत्तराखंड के 5 हजार ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. जिसे आईटीडीए यानी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट अथॉरिटी प्रदेश में धरातल पर उतारने का काम करेगी.
आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा से खास बातचीत. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने इस योजना के कुछ तकनीकी पहलुओं को सामने रखा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर एक गांव को इंटरनेट से जोड़ने से पहले यह योजना पहले चरण में हरिद्वार जिले में चलाई गई थी. जहां पर सभी 1135 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सर्विस से जोड़ दिया गया है. वहीं, अब दूसरे चरण में प्रदेश की बाकी बची 5,000 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सेवा से जोड़ा जाएगा.
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वहीं, उन्होंने बताया कि प्रदेश में इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में इस तरह का माहौल बनाया कि कई प्राइवेट कंपनियां भी लगातार आगे आ रही है. जो पहाड़ के दुर्गम इलाकों में भी अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रही है. वहीं, राज्य सरकार की योजना कनेक्टिविटी को लेकर एक नया माहौल तैयार करेगी. जिसमें ग्राहकों के पास ज्यादा विकल्प होंगे और इंटरनेट कनेक्टिविटी सस्ती होगी. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में नेट के साथ टेलीफोन की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी.
क्या है भारतनेट योजना
नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) योजना को अक्टूबर 2011 में लॉन्च किया गया था. इसका मकसद सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (100 mbps स्पीड) से जोड़ना था. साल 2015 में इसका नाम बदलकर भारतनेट रखा गया. उत्तराखंड में भारतनेट की फेज-1 योजना का काम चल रहा है. दिसंबर 21 तक यह योजना पूरी होने की संभावना है. दूसरे चरण में भी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी.