उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

ईटीवी भारत से बोलीं रेखा आर्य- 'अधिकारी हो गए बेलगाम, सीएम करें कार्रवाई'

महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्रदेश में अधिकारी बेलगाम हो गए हैं. सीएम ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करें.

Rekha Arya
ईटीवी भारत से रेखा आर्य बोलीं

By

Published : Sep 23, 2020, 8:57 PM IST

देहरादून: महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य द्वारा विभागीय निदेशक और अपर सचिव वी.षणमुगम के गायब होने को लेकर लिखे गए पत्र का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि महिला कल्याण एवं बाल विकास के निदेशक और सचिव को पहले ही यह स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके थे कि अगर नए टेंडर किए जा रहे हैं तो पुराने कार्मिकों को न निकाला जाए. जब तक नया टेंडर का इंप्लीमेंटेशन नहीं हो जाता तब तक कार्मिकों को न निकाला जाए.

उत्तराखंड में अधिकारी हो गए बेलगाम- रेखा आर्य.

निदेशक और सचिव को निर्देश दिए जाने के बाद भी जो 380 कर्मचारी योजनाओं को गति दे रहे हैं. उन कर्मचारियों को 5 महीने से तनख्वाह नहीं दिया गया और उन्हें निकाल दिया गया है. ऐसे में अधिकारी लिखित रूप और मौखिक रूप से दिए आदेश का अनुपालन नहीं कर रहें.

हालांकि, इसको लेकर मंत्री के पीएस द्वारा निदेशक के पीएस से संपर्क किया जाता है. लेकिन फिर भी निदेशक की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. यही नहीं सचिव से भी वार्ता की गई और सचिव को भी नहीं इस बारे में जानकारी होती है कि निदेशक कहां पर हैं. साथ ही मंत्री ने बताया कि यदि परिवार का कोई सदस्य नहीं मिलता है तो उसको लेकर चिंता होती है. लिहाजा उन्होंने खुद इस बात की चिंता व्यक्त करते हुए निदेशक की खोजबीन कराने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखा गया है.

रेखा आर्य ने बताया कि यदि सचिव यह बात कह रही हैं कि निदेशक उनसे परमिशन लेकर गए हैं तो ऐसे में साफ पता चल रहा है कि कौन किसको बचाने का प्रयास कर रहा है. क्योंकि सचिव ऑन रिकॉर्ड यह पहले ही कह चुके हैं कि उनको नहीं पता कि निदेशक कहां हैं.

ये भी पढ़ें:'लापता' सचिव मामला: मंत्री रेखा आर्य के पत्र में नहीं मिली कोई सच्चाई, हो सकती है कानूनी कार्रवाई

यही नहीं, राज्य मंत्री ने कहा कि अगर विभागीय मंत्री निदेशक से बात करना चाह रही हैं तो ऐसे में अगर कोई व्यक्ति क्वारंटाइन है तो उन परिस्थितियों में फोन के माध्यम से वार्ता की जा सकती है. हालांकि विधानसभा सत्र में महिला कल्याण एवं बाल विकास के तहत प्रश्न भी लगाए गए थे. ऐसे में उस विभाग का निदेशक कैसे गायब हो सकता है.

यही नहीं, रेखा आर्य ने कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना रवैया और बेलगाम अधिकारी अपने को ही र्सेव-सर्वा समझ रहे हैं. निदेशक का संरक्षण खुद सचिव महोदय कर रही हैं. अगर उनके संज्ञान में यह मामला था कि निदेशक क्वारंटाइन हैं तो उन्हें इस बात की जानकारी देनी चाहिए थी. अगर निदेशक खुद क्वारंटाइन हुए हैं तो ऐसे में पूरे विभाग को क्वारंटाइन होने की जरूरत है. क्योंकि निदेशक के संपर्क में बहुत सारे लोग आए होंगे.

रेखा आर्य ने कहा कि विधानसभा सदन के अंदर सत्तापक्ष के विधायक ने विशेषाधिकार हनन का विषय रखा था. ऐसे में प्रदेश के भीतर अधिकारी बेलगाम हो गए हैं. हालांकि इससे पहले भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जाए. जो अधिकारी सचिवालय से नहीं निकलते, अपने विभागों से नहीं निकलते हैं और ग्राउंड जीरो पर नहीं जाते हैं. उनकी वजह से 380 लोग बेरोजगार हो गए हैं, उसका जिम्मेदार कौन है. ये सरकार के नीति को पलीता लगाने वाले अधिकारी हैं, ऐसे में इन पर मुख्यमंत्री द्वारा तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details