देहरादून: 'मिड डे मील' योजना के सालाना बजट प्लान की मंजूरी के लिए आयोजित ऑनलाइन बैठक में एक गंभीर चिंता का विषय सामने आया है. दरअसल, बैठक में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दिए जा रहे 'मिड डे मील' में छात्रों को पर्याप्त कैलोरी न मिलने की बात सामने आई है. इसके तहत जहां कक्षा पहली से पांचवी तक के छात्रों को प्रतिदिन 450 कैलोरी दी जानी चाहिए. वहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक के छात्रों को महज 412 कैलोरी ही मिल पा रही. इसके साथ ही कक्षा छठी से पांचवी कक्षा के छात्रों को भी 700 कैलोरी के बजाय महज 650 कैलोरी ही मिल पा रही है.
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जो कैलोरी की कमी 'मिड डे मील' में सामने आई है उसे बच्चों के मेन्यू में मोटा अनाज शामिल कर दूर किया जाएगा. वहीं केंद्र सरकार की ओर से 'मिड डे मील' के लिए इस वित्तीय वर्ष के बजट को मंजूरी मिल चुकी है. इस वित्तीय वर्ष के लिए 216 करोड़ की धनराशि मंजूर हुई है. जो पिछले साल के 182 करोड़ रुपए के बजट से 26 करोड़ रुपए अधिक है. ऐसे में 'मिड डे मील' में अब मोटे अनाज को शामिल कर कैलोरी की कमी को दूर किया जाएगा.
'मिड डे मील' में सामने आई कैलोरी की कमी, अब मोटे अनाज को किया जाएगा शामिल - reduction of calories in mid day meal
'मिड डे मील' योजना के सालाना बजट प्लान की मंजूरी के लिए आयोजित ऑनलाइन बैठक में सरकारी स्कूलों में दिए जा रहे 'मिड डे मील' में छात्रों को पर्याप्त कैलोरी न मिलने की बात सामने आई है.
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बता दें कि, 'मिड डे मील' योजना के लिए इस वर्ष राज्य के लिए जो 216 करोड़ के बजट को मंजूरी मिली है. वह बजट 'मिड डे मील' योजना का लाभ ले रहे प्रदेश के 6 लाख 67 हजार 584 छात्रों के आधार पर मंजूर हुआ है.