देहरादून: उत्तराखंड में नॉन क्लीनिकल पाठ्यक्रमों में छात्रों कr रुचि नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से छात्रों को थोड़ी रियायत देते हुए इन पाठ्यक्रमों की सीटें भरने का प्रयास किया गया है. इसी कड़ी में नॉन क्लीनिकल पीजी कोर्स में भारी छूट देकर फीस में कमी की गई है.
दरअसल, उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से नॉन क्लिनिकल पाठ्यक्रमों की सीटें पूर्ण रूप से नहीं भर पा रही थी. इन पाठ्यक्रमों में छात्र सरकारी कॉलेजों में भी दाखिला नहीं ले रहे थे. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने छात्रों को कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए सालाना फीस में कमी की है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नॉन क्लीनिकल पीजी सीटों के लिए अब सालाना एक लाख रुपए फीस ही रखी गई है. वहीं नॉन क्लीनिकल पीजी पाठ्यक्रमों में एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, फॉरेंसिक मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी और फार्मोकोलॉजी पाठ्यक्रम शामिल हैं.