देहरादून:उत्तराखंड सरकार राज्य में सख्त भू कानून (strict land laws in uttarakhand) लागू करती है तो न केवल बाहरी राज्यों के लोगों पर जमीन खरीदने की रोक लग सकेगी, बल्कि धार्मिक स्थलों को लेकर भी नियम बेहद कड़े हो जाएंगे. भू-कानून को लेकर बनी समिति की रिपोर्ट तो कुछ इसी ओर इशारा कर रही है. खास बात ये है कि समिति की रिपोर्ट में भले ही किसी धर्म विशेष का जिक्र ना हो लेकिन धार्मिक स्थलों से जुड़े इस मुद्दे पर कुछ आपत्तियां दर्ज की जा सकती है.
सबसे पहले आपको बता दें कि भू-कानून में वो कौन सी संस्तुतियां है, जो धार्मिक स्थलों से जुड़ी हुई है. दरअसल, रिपोर्ट के अंतिम बिंदुओं में धार्मिक प्रयोजन से भूमि खरीदने या निर्माण कार्य करने पर जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर ही शासन स्तर से निर्णय लिए जाने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा सरकारी भूमि या क्षेत्रों के साथ नदी नालों में अवैध कब्जे कर धार्मिक स्थल बनाने पर कठोर कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है.
यही नहीं, उस विभाग से संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का सुझाव देते हुए इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाने पर भी विचार करने के लिए रिपोर्ट में लिखा गया है. भू कानून से जुड़ी समिति की रिपोर्ट 80 पेज की है, जिसमें कुल 23 संस्तुतियां की गई हैं. इसमें से अंतिम 2 संस्तुतियां धार्मिक स्थलों से जुड़ी हैं.
वैसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगस्त 2021 में भू कानून बनाने के लिए सुझाव हेतु 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस कमेटी के गठन से पहले समिति के सदस्य अजेंद्र अजय ने ही पर्वतीय क्षेत्र में एक धर्म विशेष के लोगों की संख्या बढ़ने की बात कहते हुए इस पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा था. इसको लेकर एक समिति गठित करने की मांग की थी.