देहरादून:करोड़ों की संपत्ति के इकलौते वारिस और चंड़ीगढ़ के पूर्व कमिश्नर के बेटे जय पंडित ने पहले अपनी मां को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था फिर खुद का भेजा उड़ाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी थी. जय ने आखिर ऐसा क्यों किया? ये वो सवाल है जो पुलिस के सामने अभी भी यक्ष है. पुलिस टीम के सामने एक और कड़ी मुश्किल है, जिसमें मरने से पहले जय ने एक नोट में लिखा था कि उसका और मां का अंतिम संस्कार सनातन धर्म के अनुसार किया जाए.
मंगलवार सुबह घर में 10 से 15 मिनट के अंदर मां-बेटे के बीच ऐसा क्या हुआ कि पहले जय ने अपनी मां के सिर के पीछे गोली मारी और फिर रिवाल्वर से अपना भेजा उड़ा दिया. इस वारदात ने पूरी राजधानी को हिला कर रख दिया था. हर कोई हैरान था कि आखिर करोड़ों की संपदा के वारिस के सिर ऐसी क्या धुन सवार हुई कि उसने ऐसा खौफनाक कदम उठाया.
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जानकारी के मुताबिक, जय के पिता स्व. कमिश्नर सुभाष शर्मा ने भावाला इलाके में करोड़ों की संपत्ति अपने इकलौते बेटे के लिए छोड़कर दुनिया छोड़ गए थे. 24 कमरों का हॉस्टल कई बीघा जमीन पर फैला हुआ है. करोड़ों रुपए का फार्म हाउस ये सब जय के नाम ही था.
2015 में देवभूमि इंस्टिट्यूट से पास आउट
जय की हायर एजुकेशन देवभूमि इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से हुई है. 2015 में वह यहीं से पास आउट हुआ था. उसकी चार बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है. वह अपनी सभी बहनों में सबसे छोटा था. हालांकि वह लंबे समय से शराब और चरस का आदी था. कुछ समय पहले वह राजपुर रोड स्थित नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भी पहुंचा था.
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घटना की सुबह चंडीगढ़ जाना
विकासनगर सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि घटना की पहली रात जय पंडित अपने दोस्त अंकित श्रीवास्तव के साथ अपने कमरे में सोया हुआ था. मंगलवार की सुबह जय अपने दोस्त अंकित और मां के साथ स्वर्गीय पिता की पेंशन में कुछ गड़बड़ी सही कराने चंडीगढ़ जाने वाला था. सुबह उठने के बाद जय ने अंकित से कहा कि वो चंडीगढ़ जाने के लिए तैयार हो जाए. इसके बाद जय अपनी मां के कमरे में चला गया.
इसी बीच अंकित को जय के चिल्लाने की आवाज आई. जब अंकित ने जय से झगड़े के कारण के बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि ऐसा कुछ नहीं है, उसकी अपनी मां के साथ नार्मल बात चल रही है. इसके बाद अंकित नहाने चला गया. तभी 10 से 15 मिनट के बाद अंकित को दो गोलिया चलने की आवाज आई. गोली की आवाज सुनकर अंकित आनन-फानन में बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि वो कमरा अंदर से बंद था. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस जब दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो जय की मां की लाश पलंग पर और जय का शव फर्श पर पड़ा हुआ था. पुलिस को कमरे से एक पत्र मिला था, जिसमें लिखा हुआ था उसका और उसकी मां का अंतिम संस्कार सनातन धर्म के अनुसार किया जाए.