देहरादूनः नगर में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पिछले साल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 10 अगस्त से सूबे की राजधानी देहरादून में दो पहिया वाहन चालक और सवार के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया था. लेकिन बावजूद इसके प्रशासन इस फरमान की तामील कराने में नाकाम साबित हो रहा है... देखिए खास रिपोर्ट
ईटीवी भारत का Reality Check. हेलमेट के इस्तेमाल और हेलमेट न पहनने को लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी देहरादून के कुछ मुख्य चौराहों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान लोगों के हेलमेट न पहनने को लेकर कई बहाने सुनने को मिले.
बता दें कि इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन के एक सर्वे के अनुसार देश में हर रोज सड़क हादसों में 350 से 400 लोगों की मौत हो जाती है. इसमें तकरीबन 90 प्रतिशत मौतें हेड इंजरी के कारण होती है. जिसकी मुख्य वजह दो पहिया सवारों का हेलमेट न पहनना होता है.
इन्हीं सब सर्वे को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दोपहिया वाहन चालक और सवार के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है. जहां अभी तक हेलेमेट न पहनने पर 100 रुपए का जुर्माना वसूला जाता था. वहीं, सरकार ने जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है.
वहीं, इस मामले में एसपी ट्रैफिक देहरादून प्रकाश चंद्र का कहना है कि राजधानी में पिछले साल की तरह अब एक बार फिर हेलमेट को लेकर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. साथ ही पुलिस महकमे की तरफ से लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. ताकि सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि को रोका जा सके.