देहरादून/ऋषिकेश/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग:लगातार तीर्थपुरोहितों के विरोध का सामना कर रही उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करके हक हकूक धारियों को खुश करने का काम तो कर दिया है, लेकिन पंडा समाज यह खुशी बड़े स्तर पर तब मनाएगा जब विधानसभा सत्र में बोर्ड भंग होने का प्रस्ताव पारित होगा. हालांकि, तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री के द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है.
ऋषिकेश में एक बैठक कर तीर्थपुरोहितों ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत कर हर्ष जताया है. इस मौके पर केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि देवों के देव महादेव न्याय के देवता हैं. उन्होंने समय पर सरकार को सद्बुद्धि देकर देवस्थानम बोर्ड को जो भंग करने का काम सरकार ने किया है. उससे सभी हक हकूक भाई खुश हैं लेकिन बड़े स्तर पर यह जश्न तभी मनाया जाएगा, जब विधानसभा सत्र में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का प्रस्ताव पारित होगा.
देवस्थानम बोर्ड भंग के ऐलान पर तीर्थ पुरोहितों में उत्साह कांग्रेस ने ली चुटकी:कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार मनमाने तरीके से जनता पर अपना कानून बनाकर थोपने का काम कर रही है. यह इसी बात से साबित होता है कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए उत्तराखंड में भी हक हकूकधारियों के विरोध के चलते सरकार को देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला लेना पड़ा है. आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पैरों तले राजनीति की जमीन खिसक रही है. यह नजारा देखने के बाद सरकार ने अपने बनाए कानूनों को वापस लिया है. जनता भी अब सरकार की मंशा को समझ चुकी है.
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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के सरकार के फैसले को सही बताया है. कहना है कि वह खुद एक धार्मिक प्रवृत्ति के हैं. लगातार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित उनसे मिलते रहे. सरकार कोई भी कानून जनहित में बनाती है लेकिन जिस समुदाय के लिए कानून बनाया जाता है. यदि उसे ही कानून मंजूर न हो तो सरकार को भी फजीहत झेलनी पड़ती है. हक हकूक धारियों के पक्ष में मुख्यमंत्री ने घोषणा कर उनको राहत दी है.
देवस्थानम बोर्ड निरस्त किए जाने के बाद पुरोहित महासभा यमुनोत्री के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल का बयान भी सामने आया है. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को एक सकारात्मक कदम बताया है. उनका कहना है कि पुरोहित महासभा यमुनोत्री धाम मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने सनातन धर्म की रक्षा और देवस्थानम बोर्ड को वापस लिया है.
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उन्होंने कहा कि इससे चारों धामों में खुशी की लहर है. कल 1 तारीख को चार धाम के सभी प्रतिनिधि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार प्रकट करने के लिए मुख्यमंत्री आवास जाएंगे और इस विषय में चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने विचार-विमर्श करके यह निर्णय लिया है.
श्रीगंगा सभा ने भी किया स्वागत:प्रदेश सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करने के फैसले का श्रीगंगा सभा ने भी स्वागत किया है. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने हरकी पौड़ी पर मां गंगा का दुग्ध अभिषेक कर सरकार के फैसले का स्वागत किया है. इस अवसर पर महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने कहा कि चार धाम के तीर्थ पुरोहितों और संतों का संघर्ष रंग लाया है. सरकार के इस फैसले से चार धाम की पूर्व में संचालित की जा रही व्यवस्थाएं, एक बार फिर से पटरी पर आएंगी.
देवस्थानम बोर्ड भंग के ऐलान के बाद चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के प्रतिनिधियों ने गांधी पार्क में एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर खुशियां मनाईं. इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने आज के दिन को सनातनी धर्म के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. महापंचायत ने मुख्यमंत्री धामी से मिलकर उनका आभार व्यक्त करने का भी निर्णय लिया है. महापंचायत के प्रवक्ता डॉ. बृजेश सती का कहना है कि कोई भी निर्वाचित सरकार अपने बनाए गए कानून को इतनी जल्दी वापस नहीं लेना चाहती है लेकिन ये जन दबाव ही था सरकार को इसे वापस लेने का फैसला करना पड़ा.
वहीं, गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने भी आज के दिन को सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक दिन बताया है. उन्होंने कहा है कि वो धामी सरकार और उनकी कैबिनेट का हृदय से धन्यवाद अदा करते हैं, जिन्होंने तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं को समझा और इसको वापस ले लिया है.
केदारघाटी में खुशी की लहर:देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा के बाद केदारघाटी में तीर्थ पुरोहित समाज, व्यापारियों एवं स्थानीय लोगों ने रैली निकालकर धामी सरकार जिंदाबाद के नारे लगाए. इस दौरान आपस में मिष्ठान वितरण कर एक-दूसरे को बधाई दी गई. तो वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी बोर्ड को भंग किये जाने की घोषणा पर इसे तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के संघर्षों की जीत बताया.
देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा के बाद केदारघाटी के ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी, व्यापारी एवं स्थानीय जनता ने रैली निकालकर पुष्कर सिंह धामी के जिंदाबाद के नारे लगाये और प्रदेश सरकार का आभार जताया. इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को मिष्ठान भी वितरण किया. साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने ऊखीमठ स्थित शहीद राज्य आंदोलनकारी अशोक कैशिव के चित्र पर फूल माला पहनाकर प्रसन्नता व्यक्त की.
इस मौके पर तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी एवं तेजप्रकाश त्रिवेदी ने कहा कि जब तक कैबिनेट के साथ ही विधानसभा में बिल लाकर देवस्थानम बोर्ड एवं एक्ट को भंग करने को लेकर सरकार द्वारा प्रस्ताव नहीं लाया जाता, तब तक प्रदेश सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जल्द ही बोर्ड व एक्ट को भंग कर शीतकालीन सत्र में विधेयक पास करना होगा और पुरानी परम्पराओं को बहाल करना होगा, तभी जाकर तीर्थ पुरोहित समाज सरकार और सरकार के बीच की दूरी खत्म हो पायेगी.