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उत्तराखंड: नई आबकारी नीति से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति - उत्तराखंड आबकारी नीति

बदली हुई आबकारी नीति के अनुसार अब दो वर्षों के लिए शराब की दुकानों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से होगा. वहीं, सभी दुकानों का राजस्व नए सिरे से तय होगा और दुकानों में बचा हुआ स्टॉक विभाग को हैंडओवर किया जाएगा.

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नई आबकारी नीति से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति.

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Published : Jan 31, 2021, 11:17 AM IST

देहरादून:मौजूदा भाजपा सरकार में तीसरी बार आबकारी नीति में बदलाव किया है. बहरहाल बीते साल में कोविड और लॉकडाउन से हुए नुकसान से उभरने की उम्मीद में व्यापारियों ने सरकार से उम्मीद लगाई हुई थी कि शायद कुछ राहत दी जाएगी. वहीं, शनिवार को कैबिनेट में संशोधित अबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है, जिसमें कई नए बदलाव किए गए हैं.

नई आबकारी नीति
बदली हुई आबकारी नीति के अनुसार अब दो वर्षों के लिए शराब की दुकानों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से होगा. वहीं, सभी दुकानों का राजस्व नए सिरे से तय होगा और दुकानों में बचा हुआ स्टॉक विभाग को हैंडओवर किया जाएगा. टेंडर के लिए आवेदन शुल्क भी बढ़ाकर 40 हजार से 50 हजार किया गया है. इस बार भी देसी शराब की दुकान में बीयर की बिक्री की अनुमति दी गयी है और शराब की दुकानों को खोलने का समय भी सुबह 10 बजे से शाम 10 बजे तक निर्धारित किया गया है.

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क्या कह रहे शराब व्यापारी
शनिवार को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक द्वारा दी गई नई आबकारी नीति के इस जानकारी को लेकर शराब व्यापारी अभी कन्फ्यूजन की स्थिति में है. कुछ शराब व्यापारियों को लगता है कि सरकार ने आबकारी नीति में कुछ बेहतर बदलाव किए हैं. वहीं, कुछ व्यापारियों का कहना है कि इस संशोधित आबकारी नीति को लेकर वस्तुस्थिति शासनादेश जारी हो जाने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी. साथ ही व्यापारियों का यह भी कहना है कि 2 साल तक होने वाली ई-टेंडरिंग से नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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