विकासनगर: राजधानी देहरादून के विकासनगर ब्लॉक क्षेत्र की 90 फीसदी सस्ते गल्ले की दुकानें बायोमेट्रिक प्रणाली (biometric system) से जुड़ गई हैं. यहां उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक प्रणाली (biometric system) से राशन वितरण किया जा रहा है. सरकार द्वारा अपात्र राशन कार्ड धारकों को राशन सरेंडर की स्कीम के तहत 15 सौ से अधिक अपात्र लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं. साथ ही पात्र लोगों के राशन कार्ड प्रतिदिन बनाए जा रहे हैं.
विकासनगर में 90 फीसदी सस्ते गल्ले की दुकानें बायोमेट्रिक हुईं, 1500 राशन कार्ड सरेंडर
विकासनगर में 90 फीसदी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर बायोमेट्रिक प्रणाली (biometric system) से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है. यानी सस्ते गल्ले की दुकानें बायोमेट्रिक प्रणाली से जुड़ गई हैं. साथ ही करीब 1500 अपात्र लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किए हैं. वहीं, पात्र लोगों के राशन कार्ड प्रतिदिन बनाए जा रहे हैं.
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम 'अपात्र को ना व पात्र को हां' के तहत करीब 1500 राशन कार्ड सरेंडर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सभी स्रोतों से परिवार की मासिक आय 15,000 से नीचे होनी चाहिए. तब वह राशन कार्ड के लिए पात्र होगा. सभी पात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं. अगस्त माह तक 90 फीसदी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को राशन वितरण किया जा रहा है.
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बता दें, उत्तराखंड सरकार ने गरीबों के हक का राशन डकारने वाले अपात्र लोगों के खिलाफ अभियान चलाया था. जिसमें "अपात्र को ना पात्र को हां" योजना के तहत बड़ी संख्या में लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर (ration card surrender) किए हैं. बात कुमाऊं मंडल की करें तो इस योजना के तहत अंतिम तिथि तक 26,840 अपात्र राशन कार्ड धारकों ने अपने राशन कार्ड लौटाए हैं. अभी भी बहुत से ऐसे अपात्र हैं जिन्होंने अपने राशन कार्ड नहीं लौटाए हैं. ऐसे में अब खाद्य विभाग उनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने की योजना बना रहा है.