जोशीमठ को लेकर जानकारी देते आपदा प्रबंधन सचिव आरके सिन्हा. देहरादूनःजोशीमठ में दरार और भू-धंसाव की समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है. अभी तक 849 घरों में दरारें आ चुकी हैं. जबकि, जोशीमठ नगर के नौ वार्डों में से 4 वार्डों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है. जिसमें 164 घर पूरी तरह से असुरक्षित पाए गए हैं. हालांकि, अभी भी जोशीमठ में लगातार क्षतिग्रस्त भवनों का सर्वे जारी है. वहीं, 2 हेक्टेयर जमीन पर 125 परिवारों को बसाने के लिए कॉलोनी बनाने की कार्रवाई जारी है.
दरअसल, यह जानकारी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने दी है. उन्होंने बताया कि जोशीमठ में सीबीआरआई यानी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रुड़की की अध्यक्षता में कई तकनीकी संस्थाएं भू-धंसाव के कारणों की जांच कर रही है. इन तमाम जांचों को एक टाइम फ्रेम में रखते हुए सभी तकनीकी एजेंसियों की ओर से अपनी रिपोर्ट के संबंध में समय सीमा निर्धारित की गई है.
सभी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट की समयावधि तयःआपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सीबीआरआई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट 3 हफ्ते के भीतर सौंपने की बात कही है. जबकि, विस्तृत रिपोर्ट आगामी 2 महीनों में जारी की जाएगी. वहीं, इसके अलावा एनजीआरआई (NGRI) ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट अगले दो दिनों में और विस्तृत रिपोर्ट अगले 3 हफ्ते में देने की बात कही है. इसी तरह से वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने अगले 2 हफ्ते के भीतर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट देने की बात कही है.
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आईआईटी रुड़की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (IIRS) अगले एक हफ्ते में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट देगा. वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (NIH) भी आगामी एक-दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंप देगा. इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर भी हफ्ते भर में सर्वे करने के बाद एक राशि तय कर दी जाएगी.
प्रीफैबरीकेटेड कॉटेज के मॉडल किए जाएंगे तैयारःआपदा प्रबंधन सचिव आरके सिन्हा सचिव ने बताया कि जोशीमठ के जेपी कॉलोनी में क्षतिग्रस्त हुए 15 भवनों को मैकेनिकल तरीके से गिराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. विस्थापन प्रक्रिया के तहत प्रीफैबरीकेटेड कॉटेज टीसीपी तिराहा पर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में 1BHK, 2BHK और 3 BHK K3 मॉडल टीसीपी तिराहा पर बनाए जाएंगे. साथ ही प्रभावितों से बातचीत करने के बाद आगे प्रीफैबरीकेटेड कॉटेज बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
पीपलकोटी में 2 हेक्टेयर जमीन पर होगा स्थायी निर्माणःआपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ से बेघर हुए लोगों के स्थायी पुनर्वास प्रक्रिया के तहत पीपलकोटी में 2 हेक्टेयर जमीन पर कार्यदायी संस्था सीबीआरआई स्थायी कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी. उन्होंने बताया कि कल से पीपलकोटी में 125 परिवारों के लिए स्थायी कॉलोनी बनाने को लेकर सीबीआरआई के अधिकारी मौके पर जाकर प्रोजेक्ट का प्लान तैयार करेंगे. उसकी डीपीआर बनाने की प्रक्रिया भी कल से शुरू हो जाएगी.
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