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निशंक ने पुण्यतिथि पर अटल जी ऐसे किया याद, कहानी संग्रह का किया था विमोचन

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Published : Aug 16, 2022, 4:54 PM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया. इस दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों उनकी कहानी संग्रह खड़े हुए प्रश्न के लोकार्पण और विमोचन के पल को याद किया.

Ramesh Pokhriyal Nishank
रमेश पोखरियाल निशंक

देहरादूनःआज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि (Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary) है. उनकी पुण्यतिथि पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने उन्हें याद किया. साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दी. निशंक ने अटल जी के हाथों से पुस्तकों के विमोचन और लोकार्पण से संबंधित कुछ वीडियो भी साझा किए हैं.

दरअसल, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक (Haridwar MP Ramesh Pokhriyal Nishank) ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए पलों से संबंधित वीडियो शेयर किए हैं. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'मेरे कहानी संग्रह 'खड़े हुए प्रश्न' के लोकार्पण एवं विमोचन समारोह में आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मुझे आशीर्वाद देते हुए कहा था कि 'मेरा आशीर्वाद खाली आशीर्वाद नहीं होता है, उसके साथ आशाएं एवं अपेक्षाएं भी जुड़ी होती हैं.' साहित्य और राजनीति जैसे दोनों क्षेत्रों में समान रूप से सक्रिय बने रहना दुष्कर एवं असंभव नहीं तो कठिन एवं श्रम-साध्य अवश्य है.'

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निशंक आगे लिखते हैं, 'पूर्व प्रधानमंत्री मेरे पथ-प्रदर्शक एवं अग्रज भारत रत्न आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने मेरे कहानी संग्रह का लोकार्पण करते हुए साहित्य एवं राजनीति के पारस्परिक संबंधों पर अत्यंत सजग एवं मार्मिक टिप्पणी करते हुए मुझे निरंतर सृजनशील बने रहने का आशीर्वाद भी प्रदान किया. भारत रत्न आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी जितने बड़े प्रखर वक्ता, संवेदनशील कवि एवं लेखक थे, वे उतने ही बड़े दृष्टि संपन्न आलोचक एवं समीक्षक भी थे.'

बता दें कि डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने 'खड़े हुए प्रश्न' कहानी संग्रह लिखी. थी. जिसका लोकार्पण 22 मई 2007 को अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. उस दौरान अटल जी ने निशंक को 'साहित्य भारती सम्मान' से भी सम्मानित किया था. लोकार्पण मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि, हम आश्वासन ही न दें, समाधान भी खोजें. किसी भी साहित्यकार की संवेदनाएं राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं से उद्वेलित होकर राष्ट्र को एक नई दिशा एवं सन्मार्ग प्रदान करती हैं.'

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