खेलने की उम्र में सेना के सपने देखता था रक्षित देहरादून(उत्तराखंड): उत्तराखंड के रक्षित मिश्रा का सेना में बतौर अफसर शामिल होने का सफर 10 साल की उम्र से ही शुरू हो गया था. रक्षित के नाना चाहते थे कि रक्षित देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हो. इसके लिए रक्षित ने छोटी सी उम्र से ही कोशिशें शुरू कर दी थी. रक्षित के नाना ने उसका दाखिला सैनिक स्कूल घोड़ाखाल नैनीताल में करवाया. इसके बाद रक्षित ने भी नाना के सपने को पूरा करने के दिन रात एक कर दिये. जिसका हासिल ये है कि आज रक्षित आईएमए से पास आउट होकर सेना में अफसर बन गया है.
भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद अफसर बनने वाले हर युवा की अपनी एक संघर्ष भरी कहानी है. रक्षित मिश्रा भी इन्हीं में से एक हैं. रक्षित का सेना में अफ़सर बनने का यह सफर काफी लंबा रहा. जब बच्चे अपनी समझ के दायरे भी नहीं पहुंच पाते, उस समय रक्षित को सेना के लिए तैयार किया जा रहा था. महज 10 साल की उम्र में ही रक्षित नैनीताल स्थित सैनिक स्कूल में भर्ती हो गया था. जाहिर है की मां-बाप और उनके नाना की तमन्ना रक्षित को फौज में अफसर के रूप में देखने की थी. इस बड़े लक्ष्य को पाने के लिए उनके परिवार ने रक्षित को खुद से दूर करते हुए सैनिक स्कूल में उसका दाखिला कर दिया. परिवार के इस समर्पण के साथ ही सेना में रक्षित के अवसर बनने का बीज भी बो दिया गया था.
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ऐसा नहीं है कि रक्षित के सैनिक स्कूल में भर्ती होने के बाद उनके आगे का रास्ता आसान रहा हो. इसके बाद भी उसके जीवन में कई परेशानियां आई. सैनिक स्कूल की पढ़ाई की बदौलत रक्षित इस मुकाम को पाने में कामयाब हुआ. रक्षित ने कई बार एनडीए में जाने के लिए प्रयास किया. वह बार-बार इस प्रयास को दोहराते रहे. अब रक्षित मिश्रा कहते हैं कि उनका सफर काफी लंबा रहा. उन्होंने बचपन से ही अपने लक्ष्य को तय कर लिया था. उनकी ट्रेनिंग काफी कठिन रही. आज जब वह अपने माता-पिता के चेहरे पर खुशी देखते हैं तो उनको कठिन ट्रेनिंग, परेशानियां सभी छोटी लगती हैं.
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भारतीय सैन्य अकादमी में पिपिंग सेरेमनी के दौरान रक्षित की मां हेमा मिश्रा अपने बेटे के कंधों पर सितारे चढ़ाती हैं. रक्षित के इस मुकाम पर पहुंचने पर वह खुशी जाहिर करती हैं. रक्षित की मां हेमा मिश्रा कहती हैं आज रक्षित ने अपने माता-पिता का सपना पूरा किया है. उन्होंने कहा आज सबसेे ज्यादा रक्षित के नाना खुश होंगे. उन्होंने कहा रक्षित के नाना ने ही रक्षित को आज के दिन के लिए तैयार किया है. रक्षित के नाना की आत्मा आज रक्षित की इस सफलता से बहुत खुश होगी. हेमा मिश्रा कहती हैं रक्षित ने कई बार एनडीए की परीक्षा दी, लेकिन वह सफल नहीं हुआ. इस दौरान रक्षित काफी परेशान रहता था. इस दौरान रक्षित ने बीटेक करने की भी तैयारी शुरू कर दी थी. मगर हमने उसे हिम्मत बंधाई. रक्षित ने भी हार नहीं मानी. जिसका नतीजा आज सबसे सामने है.