देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले (Uksssc paper leak case) में लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के गिरफ्तार मालिक राजेश चौहान को ज्यूडिशियल रिमांड (Rajesh Chauhan taken on judicial remand) पर लिया गया है. एसटीएफ को चौहान से पूछताछ में कई ऐसे अहम राज मिल रहे हैं, जिसमें अलग-अलग जगह पेपर लीक की बंदरबांट हुई है. साथ ही लाखों करोड़ों रुपए गिरोह ने कमाएं हैं. उधर आयोग द्वारा अब तक करायी गई 6 ऑनलाइन परीक्षाएं भी अब संदेह (6 online examinations also in doubt) के घेरे में हैं.
एक दिन पहले रविवार हल्द्वानी से गिरफ्तार किए गए आरोपी शशिकांत के कोचिंग सेंटर और हल्द्वानी सहित आसपास के क्षेत्रों में 4 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र हैं. जहां पूर्व में कई ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराई गई थी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इन निजी ऑनलाइन परीक्षा सेंटर में आयोजित कराए गए एग्जाम में गड़बड़ी के दायरे में हैं या नहीं.
Uksssc पेपर लीक मामले में राजेश चौहान ने खोले कई राज पढे़ं-UKSSSC Paper Leak कांग्रेस बोली, बड़ी मछलियों को बचा रही सरकार, CBI जांच से कम मंजूर नहीं
ललित बिहारी ने पंतनगर विवि अधिकारी को 70 लाख में दिया था पेपर: STF एसएसपी अजय सिंह(STF SSP Ajay Singh) के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीतापुर से गिरफ्तार किये गये ललित बिहारी ने बरेली आकर पंतनगर यूनिवर्सिटी के पूर्व अधिकारी दिनेश मोहन जोशी से पेपर लीक की कॉपी के लिए 70 लाख रुपये की डील की थी. इसके बाद दिनेश मोहन जोशी से स्थानीय 7 छात्रों को मोटी रकम लेकर पेपर दिए. इन कारनामों के STF टीम ने सभी सबूत एकत्र किये. जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश सीतापुर से ललित बिहारी की गिरफ्तारी की.
पढे़ं- पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मिले UKSSSC के चयनित अभ्यर्थी, लगाई न्याय की गुहार
चार ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पर संदेह: दूसरी तरफ इस मामले में यूपी चंदौली निवासी शशिकांत की गिरफ्तारी भी की गई थी. शशिकांत वर्तमान समय काफी वर्षो से हल्द्वानी निवास कर रहा था. जहां उसका कोचिंग सेंटर होने के अलावा बागेश्वर में चार ऑनलाइन सेंटर भी हैं, जो विभिन्न परीक्षाओं में इस्तेमाल किए जाते हैं. STF एसएसपी अजय सिंह मुताबिक पूछताछ में शशिकांत से जानकारी सामने आई कि इसके द्वारा अपने शोध के माध्यम से लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक की कॉपी ली गई.
सके बाद हल्द्वानी रिसॉर्ट में आकर 50 से 60 अभ्यर्थियों को मोटी रकम लेकर पेपर बांटा गया. इनमें से एसटीएफ ने 13 अभ्यर्थियों पहचान कर ली है. पेपर खरीदारी लेन देन के पुख्ता सबूत भी बरामद किए हैं. जिन अभ्यर्थियों की पहचान की गई है उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं. वहीं, STF की जांच में यह भी पता चला है कि शशिकांत गिरोह का एक और सदस्य भी छात्रों को रिजॉर्ट में पेपर देकर रुपये वसूली के कार्य में था. इस व्यक्ति की गिरफ्तारी के प्रयास STF की टीमें कर रही है.
पढे़ं-UKSSSC VPDO Paper Leak केस में 28वीं गिरफ्तारी, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस का पूर्व कर्मी गिरफ्तार
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक शशिकांत की कड़ी में जुड़े नेटवर्क के बारे में कुछ ऐसे अभ्यर्थियों से भी पूछताछ चल रही है, जिनको गलत पेपर देकर जाल में फंसाया गया था. ऐसे में आने वाले दिनों में शशिकांत नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा. वहीं, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान से भी एसटीएफ ने पूछताछ की. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक UKSSSC 2021 VPVDO परीक्षा और सचिवालय रक्षक दल दोनों परीक्षा पेपर लीक के कारनामे को प्रिंटिंग प्रेस राजेश चौहान ने अंजाम दिया था. जांच के दौरान राजेश चौहान से विस्तृत पूछताछ कर दोनों ही परीक्षाओं से संबंधित मामले में कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य और सबूत एकत्र किए जा रहे हैं. जिससे इन दोनों परीक्षाओं से जुड़े मामलों को पूर्ण रूप से वर्कआउट किया जा सके.
पढे़ं-VPDO Paper Leak मामले में शशिकांत गिरफ्तार, STF ने नए नकल सेंटर का किया भंडाफोड़
100 से अधिक नकलची अभ्यर्थियों के बयान हुए दर्ज: STF के मुताबिक Uksssc पेपर लिक मामलेंअब तक लगभग 100 नकलची अभ्यर्थियों के बयान एफिडेविट के तहत दर्ज किए जा चुके हैं. अभी काफी छात्रों के बयान दर्ज होने बाकी हैं. यह संख्या 200 को पार कर सकती हैं. STF एसएसपी अजय सिंह के अनुसार इस केस में लगातार पहले दिन से खुद आकर बयान दर्ज कराने की हिदायत अभ्यर्थियों को बार-बार दी गई है. ऐसे में अब इस अपील का असर काफी हद तक नजर आ रहा है. आने वाले दिनों में अन्य अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर पेपर लीक गिरोह के खिलाफ एसटीएफ केस मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढेगी.