मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश के बाद जब धूप खिली तो इंद्रधनुष का खूबसूरत नजारा देखने को मिला. जिसे देख सैलानी खुशी से झूम उठे. साथ ही अपने मोबाइल में तस्वीर लेते नजर आए. वहीं, देश-विदेश से पहुंचे सैलानी खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं.
दरअसल, मसूरी में सोमवार सुबह से ही बारिश होने के साथ आसमान में काले बादल छाए हुए थे. जिससे तापमान में भारी गिरावट आ गई. देशभर से पहुंचे सैलानियों ने ठंडे और सुहावने मौसम का जमकर लुत्फ उठाया. शाम करीब छह बजे आसमान साफ हुआ तो इंद्रधनुष भी देखने को मिला. जिसे देख सैलानियों के चेहरे में अलग ही खुशी देखने को मिली. इस अद्भुत पल को लोगों ने मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर शेयर करते नजर आए.
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स्थानीय निवासी देवेंद्र सिंह का कहना है कि कई दशक पूर्व इसे पनसोखा कहते थे. लंबे समय बाद इंद्रधनुष दिखता है तो बारिश का अंत माना जाता है. यानी इंद्रधनुष दिखने के बाद बारिश पर विराम लग जाता था. मसूरी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है. जिसके दीदार करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक मसूरी आते हैं. ऐसे में इंद्रधनुष के मनमोहक दृश्य को देखकर सभी लोग काफी प्रसन्न दिखे.
दिल्ली से पहुंचे पर्यटक रवि भाटिया ने बताया कि मसूरी विभिन्न प्राकृतिक रंगों से भरपूर है. मसूरी से दिखने वाली विंटर लाइन अपने आप में अद्भुत होती है, जो सर्दियों में दिखती है. वहीं, सोमवार को मालरोड पर घूमते हुए उन्हें इंद्रधनुष देखने का मिला. जो अपने आप में अद्भुत था. जिसको उन्होंने अपने कैमरे में भी कैद किया.
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ऐसे बनता है इंद्रधनुषःबारिश या भाप के धूप के संपर्क में आने पर पानी की छोटी-छोटी बूंदे पारदर्शी प्रिज्म का काम करती हैं. सूर्य का प्रकाश उनसे गुजरते हुए सात अलग-अलग रंगों में टूट जाता है और हमें इंद्रधनुष दिखाई देता है. इंद्रधनुष (RAINBOW) में बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग नजर आते हैं. ये बेहद मनमोहक होता है.
जाने-माने साहित्यकार कन्हैयालाल नंदन ने तो इंद्रधनुष पर कविता ही लिख दी थी--
एक सलोना झोंका
भीनी-सी खुशबू का,
रोज़ मेरी नींदों को दस्तक दे जाता है।