देहरादून: उत्तराखंड शासन में सबसे बड़ी खबर प्रदेश के मुख्य सचिव पद को लेकर सामने आ रही है. खबर है कि प्रदेश को जल्द ही नया मुख्य सचिव मिल जाएगा. ये खबर राज्य के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की खबर के बाद चर्चा में आई है.
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे संधू: उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे. खबर है कि प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर मुख्य सचिव को राज्य की तरफ से अनुमति दे दी गई है. बड़ी बात ये है कि लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद डॉ एसएस संधू उत्तराखंड में मुख्य सचिव का पद मिलने के बाद प्रदेश में आए थे. अब एक बार फिर उनकी तरफ से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर इच्छा जाहिर करने की बात कही गई थी और इसी के बाद राज्य ने उन्हें उसके लिए एनओसी दे दी है.
नया मुख्य सचिव कौन? इसके साथ ही राज्य में नए मुख्य सचिव को लेकर कवायद तेज हो गई है. अपर मुख्य सचिव के तौर पर सबसे सीनियर राधा रतूड़ी को प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बनाने की बात सामने आ रही है. आपको बता दें कि राज्य में यूं तो अपर मुख्य सचिव के पद पर मनीषा पंवार और आनंद वर्धन भी हैं लेकिन मनीषा पंवार के स्वास्थ्य संबंधी कारण होने और आनंद वर्धन के धामी सरकार में दूरियां बढ़ने के चलते सबसे सीनियर राधा रतूड़ी को ही एकमात्र सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः प्रभारी मंत्री मिलने के बाद लंबित कार्यों को मिलेगी गति, तीन माह से नहीं हुई जिला योजना की बैठक
राधा रतूड़ी का नाम सबसे आगे:उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में ही राधा रतूड़ी को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है. फिलहाल राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को भी निभा रही हैं. उधर, माना जा रहा है कि मुख्य सचिव एसएस संधू और धामी सरकार के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा था. इसे देखते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का प्रस्ताव मुख्य सचिव की तरफ से ही भेजा गया.
1988 बैच की आईएएस हैं रतूड़ी: 1988 बैच के डॉक्टर एसएस संधू जुलाई 2021 में ही उत्तराखंड में मुख्य सचिव बनाए गए थे, इससे पहले मुख्य सचिव एसएस संधू नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन पद पर कार्यरत थे. हालांकि, जुलाई 2021 में भी अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी मुख्य सचिव पद के लिए बड़ा दावेदार माना जा रहा था लेकिन तब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए डॉ एसएस संधू को सरकार ने ये जिम्मेदारी दी थी. बता दें कि राधा रतूड़ी भी 1988 बैच की ही आईएएस अधिकारी हैं.