देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव से पहले विवादित अधिकारियों को विभागों में एक के बाद एक बहाली मिलने से हरक सिंह रावत का विभाग सवालों के घेरे में आ गया है. स्थिति यह है कि हरक सिंह रावत के श्रम विभाग से लेकर वन विभाग आयुष विभाग और ऊर्जा विभाग सभी के नाम इसमें शामिल हैं. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उधर, कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारी को पोस्टिंग देने का मामला भी सरकार की जमकर फजीहत करा रहा है.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विभाग अब भाजपा सरकार के लिए मुसीबत बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय में हरक सिंह रावत के विभागों में कुछ ऐसे फैसले हुए हैं. जो न केवल हरक सिंह रावत की छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि चुनाव से पहले सरकार पर भी बट्टा लगा रहे हैं. बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के तौर पर विवादित अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा को तैनाती दी गई है, जबकि मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है. वह अभी जमानत पर बाहर हैं. इससे पहले वह जेल की भी हवा खा चुके हैं.
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इतने गंभीर आरोपों में घिरे मृत्युंजय मिश्रा को जिस तरह रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी दी गई है उसके बाद हरक सिंह रावत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हरक सिंह रावत की विवादों से जुड़ी केवल यही कहानी नहीं है. बल्कि उनके दूसरे विभागों में भी लगातार एक के बाद एक आरोपी अधिकारियों को बहाली दी जा रही है. ऊर्जा विभाग में भी हाल ही में तीन करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोपियों का निलंबन खत्म किया गया है.