ऋषिकेश:चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case ) में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. वहीं घटना को लेकर लोगों में आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं अंकिता भंडारी हत्याकांड के खुलासे और आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलने के बाद लगातार पुलिस ने यह दावा किया कि तमाम सबूत उनके पास हैं. बावजूद, एसआईटी (SIT investigation in Ankita Bhandari murder case) आखिर फिर क्यों रिजॉर्ट पहुंची? तमाम सबूत होने के बाद भी फॉरेंस्कि टीम को मौके पर बुलाया गया. जबकि, रिजॉर्ट में घटना के बाद से एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में लोग पहुंच चुके हैं. दस्तावेजों से लेकर अन्य तमाम चीजों का वह न सिर्फ जिक्र कर चुके हैं, बल्कि उन्हें छूकर भी देख चुके हैं.
अंकिता हत्याकांड (ankita bhandari murder) में रिजॉर्ट पर बुल्डोजर चलने के साथ ही यह दावा था कि तमाम सबूत यहीं हैं. आरोप यह था कि साक्ष्य मिटाने के लिए रिजॉर्ट के कुछ स्थानों पर बुलडोजर चला गया. जबकि, पुलिस के बाद अब एसआईटी का भी रटा रटाया जवाब है कि हर सबूत उनके पास है, जोकि रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलने से पहले ही उन्होंने जुटा लिया था. सवाल है कि हर सबूत जुटाने के बावजूद आखिर अब क्यों एसआईटी रिजॉर्ट पहुंची. सिर्फ एसआईटी ही नहीं पहुंची, फॉरेंरिस्क टीम भी पहुंची. एसआईटी का दावा यह भी था कि क्राइम सीन रिजॉर्ट नहीं, चीला-शक्तिनहर का वह किनारा है, जहां से अंकिता को नहर में धक्का दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम में दिलचस्प यह है कि शुरुआती जांच में हिरासत में लेकर आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद उनके कबूलनामे को ही अंतिम सत्य मान लिया गया है.
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हत्याकांड के इस पूरे घटनाक्रम में एक दावा यह भी कि जैसा आरोपियों का कबूलनामा पुलिस की मौजूदगी में है, वह शायद हकीकत नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम में वनंत्रा रिजॉर्ट की भूमिका अहम है. पूछताछ के लिए आरोपियों की पुलिस रिमांड नहीं लेना और हत्याकांड में राजस्व पुलिस की भूमिका जांचने के लिए एसआईटी की अनदेखी भी सवालों में है. जबकि, जिले के कलेक्टर एक नहीं, बल्कि दो पटवारी यानी राजस्व उपनिरीक्षक को लापरवाही में सस्पेंड कर चुके हैं. संबंधित घटना क्षेत्र कांडाखाला पटवारी चौकी के नियमित पटवारी के खिलाफ जांच तक बैठाई जा चुकी है. बहरहाल, इस पूरे मामले में एसआईटी की जांच और प्रभारी डीआईजी के बयान समझ से परे हैं. जांच के तथ्यों और उनकी खुद की मीडिया से दूरी भी कई सवालों को जन्म दे रही है.
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क्या था मामलाः बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.