जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में पाइंता पर्व की धूम विकासनगर:आज पूरे देश में दशहरा पर्व बड़ी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सभी एक दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएं दे रहें हैं. इसी कड़ी में जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में विजयादशमी पर्व को पांइता पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व पर श्रद्धालु दूर-दूर से सिरगुल , विजट और चूड़ेश्वर देवताओं के देव दर्शन करने पहुंचते हैं. कनबुआ और सिमोग मंदिर में सुबह से ही देव दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.
जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में लोगों ने देवडोली के किए दर्शन मंदिर परिसर के बाहर रखी गईं देवड़ोलियां:कनबुआ गांव में देवड़ोलियों की पूजा-अर्चना कर देवडोलियों को मंदिर से बाहर निकालकर मंदिर प्रांगण में रखा गया है, ताकि दूर से आने वाले भक्त देवड़ोलियों के दर्शन कर सकें. सभी भक्तों ने श्रद्धापूर्वक देवडोलियों के दर्शन किए और अपनी मन्नतें मांगते नजर आए. वहीं, प्राचीन शिमोगा गांव में सिरगुल, विजट और चूड़ेश्वर महाराज के मंदिरों में आस्था का जन सैलाब उमड़ पडा. मंदिर में देवता के जयघोष से सारा वातावरण गुंजयमान हो उठा.
जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में पाइंता पर्व की धूम ये भी पढ़ें:15 नवंबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट, जिसके बाद मां यमुना यहां श्रद्धालुओं को देंगी दर्शन
जौनसार बाबर पांइता पर्व के रूप में मनाया जाता है दशहरा:शिमोगा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता चंद शर्मा ने बताया कि जौनसार बाबर में दशहरा पर्व पांइता पर्व के रूप में मनाया जाता है. जौनसार बावर के सिरगुल विजट मंदिरों में यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है. शिमोगा मंदिर में तीन देवता विराजमान हैं. पहले सिरगुल दूसरे विजट और चूड़ेश्वर महाराज. उन्होंने कहा कि संपूर्ण क्षेत्र से देव दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सभी भक्तों की यात्रा मंगलमय हो ऐसी हम दुआ करते हैं.
ये भी पढ़ें:बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान, मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी इस दिन होंगे बंद, जानें