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अब सड़कें खोदी तो विभागों की नहीं खैर , PWD सचिव ने जारी किया नया आदेश - लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज कुमार पांडे

अक्सर सड़कें बनने के बाद दूसरे विकास कार्यों के लिए इन्हें खोद दिया जाता है. नतीजतन नई निर्मित सड़कें समय से पहले ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने लगती हैं. उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट से पहले बन रही सड़कों को लेकर यह स्थिति ना आये, इसलिए PWD सचिव ने अफसरों को निर्देश जारी किए हैं. यहीं नहीं आदेश ना मानने वालों पर कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं. Uttarakhand Investors Summit 2023

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 26, 2023, 7:12 PM IST

अब सड़कें खोदी तो विभागों की नहीं खैर

देहरादून:इन दिनों इन्वेस्टर्स समिट को लेकर राज्य सरकार तैयारी में जुटी हुई है. इसी के तहत लोक निर्माण विभाग भी निवेशकों के स्वागत में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के प्रयास में जुटा हुआ है. हालांकि राजधानी समेत तमाम जिलों में सड़कों के मरम्मत का काम जोर-शोर से चल रहा है, लेकिन इसी बीच चिंता विभागों में आपसी समन्वय की कमी के कारण आने वाली उन दिक्कतों को लेकर है. जिसके चलते अक्सर नई सड़कों की तस्वीर टूटी सड़कों में तब्दील हो जाती है. दरअसल राज्य में विभागों के बीच समन्वय ना होने के कारण कई बार नई सड़कों को दूसरी योजनाओं के कामों के कारण खोद दिया जाता है. इन्हीं स्थितियों से बचने के लिए लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज कुमार पांडे ने अफसरों को निर्देश जारी कर दूसरे विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाने के लिए कहा है.

वैसे तो विभिन्न जिलों में नई सड़कों के निर्माण या मरम्मत को लेकर काफी हद तक काम आगे बढ़ चुका है, लेकिन लोक निर्माण विभाग इस बार बाकी विभागों के साथ समन्वय रखते हुए उन विकास कार्यों को पहले ही पूर्ण रूप से करवा लेना चाहता है. जिनके कारण भविष्य में सड़कों को खोदे जाने की संभावना बन सकती है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज कुमार पांडे ने सड़क निर्माण से एक महीने पहले ही बाकी विभागों से समन्वय कर विभिन्न योजनाओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही सड़कें तैयार करने के लिए कहा है.

सचिव पंकज कुमार पांडे ने कहा कि पहले ही सभी अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के लिए कह दिया गया है, ताकि सड़कों को खोदे जाने की जो स्थितियां बनती हैं. उससे बचा जा सके, लेकिन इसके बावजूद भी अगर इस तरह के हालात बनते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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उत्तराखंड में हर साल मानसून सीजन के बाद कई 100 करोड़ की सड़कों का राज्य को नुकसान होता है और आम लोगों को भी इन स्थितियों के कारण समस्याओं से दो चार होना पड़ता है. राज्य को होने वाले इस भारी नुकसान के बीच मैदानी जिलों में विभिन्न विभागों की योजनाओं के लिए सड़कों को खोदे जाने की प्रवृत्ति भी राज्य को नुकसान की तरफ ले जाती है, इसीलिए इस बार, ऐसे मामलों पर सख्ती के साथ निर्देश जारी किए गए हैं. खास बात यह भी है कि राज्य में इन्वेस्टर्स समिट भी होने जा रही है. ऐसी स्थिति में इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में राज्य सरकार नहीं है.

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