देहरादून: पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. लखनऊ विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त धामी ABVP के जमाने से ही तेज-तर्रार नेता के तौर पर जाने-जाते रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकी धामी के मुख्यमंत्री बनने में काफी काम आई. इसके साथ ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से उनकी नजदीकी भी उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ले आई.
लखनऊ विवि में थे छात्रनेता
धामी जब लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ते थे तो वहां उनका जलवा था. छात्रों की समस्याओं को उठाने में उनका कोई सानी नहीं था. खासकर पहाड़ (तब उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बना था) से लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ने आए छात्रों को जरा भी कोई दिक्कत होती तो पुष्कर सिंह धामी उनकी भरपूर मदद करते थे. इसी दौरान 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहे.
AVBP का राष्ट्रीय सम्मेलन किया था आयोजित, राजनाथ हुए थे प्रभावित
इसी दौरान लखनऊ में AVBP का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ. पुष्कर सिंह धामी इस राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक और संचालक रहे. उनके आयोजन की कुशलता से राजनाथ सिंह बहुत प्रभावित हुए. सन् 2000 में राजनाथ जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो हरीश धामी की बीजेपी संगठन में तूती बोलती थी.
उत्तराखंड में भी किए आंदोलन
उत्तराखंड बनने के बाद धामी ने प्रदेश की राजनीति में भी मजबूत मुकाम हासिल किया. धामी ग्राउंड पर काम करने वाले नेता माने जाते हैं. 2002 से 2008 तक छः वर्षों तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित किया.
स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की. कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश के 90 युवाओं को जोड़कर विधान सभा का घेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी. जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है.
2012 का विधानसभा चुनाव जीतकर पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 46 साल की उम्र में वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं.
भगत सिंह कोश्यारी से सीखे राजनीति के गुर
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के वर्तमान गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से राजनीति के गुर सीखे हैं. भगत सिंह कोश्यारी जब उत्तराखंड गठन के बाद राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री बने तो पुष्कर सिंह धामी साये की तरह उनके साथ रहते थे. उन्होंने भगत सिंह कोश्यारी जैसे मंझे हुए राजनेता से राजनीति के गूढ़ गुर सीखे. उनके मुख्यमंत्री बनने में कोश्यारी कनेक्शन को भी जोड़कर देखा जा रहा है.
सतीश लखेड़ा और पुष्कर धामी हैं दोस्त
बीजेपी की मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा और पुष्कर सिंह धामी में अच्छी दोस्ती है. दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. वहां दोनों ही छात्रों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाया करते थे. इन दिनों सतीश लखेड़ा भी चमोली जिले के दौरे पर हैं. वहां वो लगातार लोगों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी उपकरणों को उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसे में आने वाले चुनाव में युवाओं की उत्तराखंड की राजनीति में होड़ देखने को मिल सकती है.
नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बारे में ये भी जानें
- पुष्कर सिंह धामी 1990 से 1999 तक ABVP में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पदों पर रहे
- उनके ABVP के मंत्री रहते लखनऊ में संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ
- ABVP के इस अधिवेशन ने पुष्कर सिंह धामी की पहचान बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर करा दी
- जब उत्तराखंड बना और नित्यानंद स्वामी के बाद भगत सिंह कोश्यारी अंतरिम सरकार में दूसरे मुख्यमंत्री बने तो पुष्कर सिंह धामी सीएम के सलाहकार थे.
- धामी कोश्यारी के मुख्यमंत्रित्व काल में अर्बन मॉनिटरिंग कमेटी के उपाध्यक्ष थे.
- उत्तराखंड में वो दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे
- पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड बीजेपी के उपाध्यक्ष भी रहे
पढ़ाई-लिखाई
- पुष्कर धामी की प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई उनके गांव टुंडी डीडीहाट से हुई
- उन्होंने मैंनेजमेंट से पोस्ट ग्रेजुएशन लखनऊ विश्वविद्यालय से किया
- 2002 में धामी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से LLB किया
धामी को सीएम बनाकर बीजेपी ने एक साथ साधे कई समीकरण
1. पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने एक साथ कई समीकरण साध लिए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. ठाकुर समाज से पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाकर जाति वाला समीकरण साधा है.
2. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक गढ़वाल क्षेत्र से हैं. मुख्यमंत्री कुमाऊं से चुनकर क्षेत्रीय संतुलन को साधा गया है.
3. सबसे बड़ा समीकरण कुमाऊं को दो बड़े नेताओं सांसद अजय भट्ट और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को खुश करके साधा गया है. पुष्कर धामी इन दोनों ही नेताओं के प्रिय हैं. कोश्यारी तो उनके राजनीतिक गुरु जो हैं.
4. अब तक के सबसे युवा नेता को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी हाईकमान ने ये संदेश भी दे दिया है कि 60 पार या उसके आसपास के नेता अब मुख्यमंत्री की कुर्सी के बारे में न सोचें.