देहरादून:राजधानी देहरादून की सड़कों पर जनवरी माह के अंतिम सप्ताह से 11 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें अलग अलग रूटों पर दौड़ती नजर आएंगी , लेकिन इससे पहले ही शहर के सिटी बस संचालकों और विक्रम संचालकों ने स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का विरोध शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि हाल ही में दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में हुई राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का किराया निर्धारित कर दिया गया है, जो कि शहर में दौड़ ही सामान्य सिटी बसों और विक्रम की तुलना में बहुत ज्यादा अधिक नहीं है . ऐसे में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों के शहर में संचालन शुरू होने से सिटी बस और विक्रम संचालन से जुड़े हजारों लोगों को अपना रोजगार छिनने का डर सताने लगा है.
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से पहले ही शुरू हुआ विरोध. यह भी पढ़ें-देख लीजिए कूड़े से पटे हरिद्वार की तस्वीर, यहीं होना है कुंभ !
स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस का निर्धारित किराया
किलोमीटर- किराया
04 किलोमीटर तक 10 रुपये
04 से 07 किलोमीटर तक 15 रुपये
07 से 10 किलोमीटर तक 20 रुपये
10 से 13 किलोमीटर तक 25 रुपये
13 से 17 किलोमीटर तक 30 रुपये
17 से 21 किलोमीटर तक 35 रुपये
21 से 25 किलोमीटर तक 40 रुपये
25 से 30 किलोमीटर तक 45 रुपये
30 से 35 किलोमीटर तक 50 रुपये
35 से अधिक किलोमीटर तक 55 रुपये
ईटीवी भारत के सामने अपनी बात रखते हुए देहरादून सिटी बस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल कहते हैं कि स्मार्ट इलेक्ट्रिक बच्चों का शहर में संचालन शुरू होने से सार्वजनिक वाहन सेवाओं से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. यदि सरकार स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करना भी चाहती है तो सरकार को इनका संचालन शहर के अंदर के रूटों पर ना करते हुए शहर के बाहरी रूटों पर करना चाहिए, जिससे कि सिटी बस और विक्रम संचालन से जुड़े हजारों लोगों का रोजगार न छीने.
वहीं स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों के विरोध में शहर के विक्रम संचालकों का पक्ष रखते हुए दून विक्रम जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार कहते हैं कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति की वजह से प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन संभव नहीं है, लेकिन इसके बावजूद जबरन सरकार इलेक्ट्रिक बसें लेकर आ रही है. सरकार को चाहिए कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के दृष्टिगत शहर में संचालित हो रहे सभी ऑटो, विक्रम और सिटी बसों को सीएनजी में तब्दील करें, जिससे कि पर्यावरण संरक्षण भी हो सके साथ ही साथ लोगों के रोजगार भी चलता रहे.
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गौरतलब है कि सिटी बस संचालकों और विक्रम संचालकों की ओर से स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का विरोध जताते हुए प्रदेश सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी गई है. वहीं स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के संबंध में स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम के अध्यक्ष मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं देने के मकसद से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है. ऐसे में सभी को इन बसों के संचालन में अपना सहयोग देना चाहिए. सिटी बस और विक्रम संचालकों की तो इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने पर भी सिटी बसों और विक्रम का संचालन पहले की तरह ही जारी रहेगा.