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गन्ना भुगतान सहित 10 मांगों को लेकर BKU का प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

देहरादून में भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने गन्ना भुगतान समेत 10 मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इस मौके पर किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपे जाने को लेकर धरना शुरू कर दिया.

Bharatiya Kisan Union
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Published : Jul 15, 2021, 5:24 PM IST

देहरादून: गन्ना भुगतान समेत अपनी कई मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (तोमर) (Bharatiya Kisan Union) ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान सभी किसान जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के लिए अड़े रहे और जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर ही धरना शुरू कर दिया. जिलाधिकारी के आदेश के बाद सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाया. तब जाकर किसानों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ही ज्ञापन सौंप दिया.

किसानों के सामने आर्थिक संकट:इस मौके पर किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा का कहना है कि वर्तमान में किसानों के सामने आर्थिक संकट है, लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं किया है. ऐसे में सरकार को गन्ने का पिछला भुगतान जल्द करना चाहिए. किसानों ने मांग की है कि प्राइवेट शुगर मिलों से ब्याज सहित भुगतान कराया जाए. नए सत्र में गन्ने का मूल्य 450 रुपये कुंतल होना चाहिए.

गन्ना भुगतान सहित 10 मांगों को लेकर BKU का प्रदर्शन.

पहाड़ी क्षेत्रों में मंडी खोलने की मांग:किसानों का कहना है कि उन्हें धान क्रय केंद्रों पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. किसानों को धान गीला बताकर लौटा दिया जाता है, जो नहीं होना चाहिए. इसके अलावा किसानों ने पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए मंडी बनाए जाने की मांग की है.

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स्कूल की फीस नहीं देंगे किसान:भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने बताया कि वर्तमान में स्कूल नहीं खुल रहे है, तो फीस किस बात की ली जा रही है. उन्होंने कहा कि हम सभी किसान स्कूलों में फीस नहीं देंगे और न ही किसान साथियों को फीस देने देंगे. इसके साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में सभी नालियां टूटी पड़ी हुई हैं और सरकारी ट्यूबवेल से भी नकद रुपये देकर पानी मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को 10 दिन का समय दिया है. 10 दिन में हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम सब किसान सरकार के खिलाफ एक रणनीति तैयार करेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

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