विकासनगर:शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण केंद्र को प्रदेश सरकार ने एक उपलब्धि के तौर पर पेश किया था. सरकार ने दावा किया था कि यह प्लांट देश का सबसे आधुनिक प्लांट है. लेकिन सरकार के सारे दावे फेल साबित हो रहे हैं. इस कूड़ा निस्तारण केंद्र से उठने वाली दुर्गंध से परेशान लोग लंबे समय से इसे हटाने की मांग कर रहे हैं.
कूड़ा निस्तारण केंद्र से उठने वाली दुर्गंध से परेशान लोग लंबे समय से इसे हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्लांट के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे युवक सतपाल धनिया का आंदोलन सातवें दिन भी जारी रहा. युवक के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों ने प्लांट के गेट के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. बता दें कि 3 साल के लंबे आंदोलन के बाद शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र को हटाने के लिए 6 अक्टूबर से स्थानीय लोग सतपाल धानिया व समर्थक आमरण अनशन पर बैठे हैं.
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यहां तक की स्थानीय जनता ने महामहिम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है. जिसमें कि 500 लोगों ने हस्ताक्षर कर एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. लोगों ने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
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सतपाल धानिया ने बताया कि विधानसभा में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कूड़ा निस्तारण केंद्र की जांच के लिए एक प्राक्कलन समिति का गठन किया था. समिति द्वारा जांच में पाया कि प्लांट पूर्णता मानकों के विपरीत है, प्लांट से जलवायु प्रदूषण हो रहा है. समिति की जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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अनशन स्थल पर मौजूद लोगों का आरोप है कि प्लांट से उठने वाली दुर्गंध के कारण लोगों का घरों में रहना बेहाल हो गया है. बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं. जनता का कहना है कि ऐसी जिंदगी से अच्छा तो महामहिम राष्ट्रपति मृत्यु का आदेश दे दें. जिससे जनता को इस जीवन से मुक्ति मिल जाए. लोगों ने चेतावनी दी कि जब तक यह नर्क यहां से नहीं हटता तब तक अपना अनशन जारी रखेंगे.