देहरादून: अग्निपथ योजना विरोध को लेकर उत्तराखंड में शांति व्यवस्था पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. जिसको देखते हुए पुलिस पूरे प्रदेश में युवाओं से संपर्क साधकर उनका काउंसलिंग करेगी. इसके लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश में काउंसलिंग अभियान चलाया जा रहा है.
अग्निपथ योजना के खिलाफ तनावपूर्ण विरोध को देखते हुए उत्तराखंड में पुलिस अलर्ट जारी किया गया है. जिसके बाद पूरे राज्य में एहतियातन कानून व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. धरना प्रदर्शन के नाम पर अराजकता और उपद्रवियों पर कड़ी नजर बनाने रखने के लिए लोकल इंटेलिजेंस सहित पुलिस तंत्र को कार्रवाई में लगाया गया है. ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना घटे.
वहीं, सभी जनपद के पुलिस प्रभारी सेना में जाने वाले छात्रों और कोचिंग संस्थानों के संचालकों का काउंसलिंग कर शांति व्यवस्था बनाकर उनकी मांगों का प्रार्थना पत्र प्रशासन को देने की व्यवस्था बना रहे हैं. सेना भर्ती के लिए कोचिंग संस्थानों के संचालकों को इस बात की हिदायत दी गई है कि किसी भी तरह छात्र समूह से कोई तनावपूर्ण हिंसा वाली घटना ना हो. अगर ऐसा होता है तो संबंधित संचालकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डीआईजी गढ़वाल अनुसार सभी जनपदों के एसएसपी और एसपी अपनी टीमों के साथ भारतीय सेना के अलग-अलग फील्ड में जाने वाले युवाओं और उनसे संबंधित लोगों से संपर्क साधकर उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं. यही वजह है कि शनिवार से राज्य में अग्निपथ योजना के विरोध को शांति व्यवस्था में तब्दील किया गया है. हालांकि, जो लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रख विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें कोई मनाही नहीं है.
जानकारी मुताबिक, कुछ विपक्षी और अराजक लोग युवा समूहों को भड़काने में जुटे हैं. ऐसी जानकारी मिल रही है कि युवाओं को सरकारी संपत्तियों को छोड़ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को निशाना बनाने के लिए उकसाया जा रहा है. वहीं, कुछ युवाओं को चारधाम यात्रा को बाधित करने के लिए भड़काया जा रहा है. जानकारी है कि अग्निपथ योजना के विरोध में कुछ विपक्षी लोग युवाओं को शराब की दुकानों को निशाना बनाने को उकसा रहे हैं.