देहरादून:उत्तराखंड में बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक एंड मेडिसिन सर्जरी) की फर्जी डिग्री मामले में एसटीएफ के खुलासे के बाद अब तक कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. अब मास्टरमाइंड इमलाख की गिरफ्तारी के बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी संपत्ति कुर्क करने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं. इस मामले में अबतक 7 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार हो चुके हैं. गिरोह के मास्टरमाइंड 25 हजार रुपये के इनामी इमलाख को एसटीएफ ने राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ से बीती 2 फरवरी को गिरफ्तार किया है.
गौर हो कि उत्तराखंड एसटीएफ की तरफ से फर्जी डिग्री के जरिए प्रैक्टिस करने वाले कई चिकित्सकों पर शिकंजा कसा गया था और इस पूरे मामले का खुलासा किया गया था. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड एसटीएफ ने बीते महीने प्रदेश में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भंडाफोड़ किया था. इस केस की जांच देहरादून पुलिस कर रही है.
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DGP ने बताया कि इमलाख उत्तर प्रदेश की कोतवाली मुजफ्फरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है. सदर थाने में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और बलवे समेत कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. इसने अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज खोला हुआ है जो कि बीफार्मा, बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है. यह भी जानकारी हुई कि इमलाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है और इसके खिलाफ फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है.
बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने बीएएमएस की सभी फर्जी डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक के नाम से तैयार की थी. इमरान को एसटीएफ ने पहले ही इनके बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया था. बीती 2 फरवरी को इमलाख को भी गिरफ्तार कर लिया गया. वो राजस्थान के अजमेर में छिपकर बैठा था. आरोपी के कब्जे से कई फर्जी डिग्रियां, जाली मोहर बरामद हुई हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर आरोपी इमलाख के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए इसके द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी. बता दें कि, आरोपी खुद 10वीं पास है और मेडिकल कॉलेज के नाम पर वो ये रैकेट चला रहा था. आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित था.