देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार (9 नवंबर) को विधानसभा परिसर और बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. उत्तराखंड विधानसभा में स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल ने समाज में अपना विशेष योगदान देने वाले 21 समाजसेवियों को सम्मानित भी किया. वहीं बीजेपी ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया.
उत्तराखंड विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सभी ने शहीद राज्य आंदोलन को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद स्पीकर अग्रवाल ने सभी को उत्तराखंड राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए संकल्प भी दिलवाया. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने समाजसेवियों को गैरसैंण विधानसभा भवन का प्रतीक फोटो और गंगाजली भेंट कर सम्मानित किया.
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इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 21 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए और कई चुनौतियों का सामना किया. कुछ में सफलता हाथ लगी और कुछ में जूझने, संघर्ष करने और नई राह तलाश करने का दौर जारी है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के निर्माण में महिलाओं का अहम योगदान रहा है. उत्तराखंड की पहचान देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में है. हमें इस पहचान को बनाए रखना है. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गैरसैंण विधानसभा भवन को अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा जिसको लेकर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषणा भी की गई है.
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बीजेपी कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी प्रदेश मुख्यालय देहरादून में गोष्ठी का आयोजन किया गया. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित भी किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है. आज केंद्र में मोदी सरकार के सहयोग से चल रही डबल इंजन की सरकार बेहतर कार्य कर रही है. हाल ही में केदारनाथ में प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह से पर्यटन का ढांचा विकसित हो रहा है. उससे अगले 10 वर्ष में इतने पर्यटक आएंगे, जितने 100 साल में नहीं आए.
मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही राज्य आंदोलनकारियों के मसले पर सियासत करती रही है, जबकि सच्चाई यह है कि बीजेपी ने ही राज्य दिया और संवारने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण का कार्य आज भी गतिमान है और इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए है. 31 दिसम्बर तक चिन्हिकरण हर हाल में होगा, लेकिन कांग्रेस को भी इस पर मंथन करने की जरूरत है. पहली निर्वाचित सरकार में कांग्रेस रही, लेकिन उसने आंदोलनकारियों की सुध नहीं ली, लेकिन 2007 में जब भाजपा की सरकार आयी तो आंदोलनकारी सम्मान परिषद का गठन किया गया और परिषद के द्वारा आंदोलनकारियों की समस्याओं के निदान और उनके हित में कई निर्णय लिए गए.
आंदोलनकारियों को पेंशन की सुविधा शुरू की गई. आंदोलनकारियों को मेडिकल सुविधा के साथ आवाजाही में परिवहन की सुविधा और उनके सम्मान के लिए कई कदम उठाए गए, लेकिन फिर कांग्रेस की सरकार आयी तो उनके मामले ठंडे बस्ते में चले गये.