मसूरीः हर साल की भांति इस बार भी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली गई. इससे पहले सनातन धर्म मंदिर में श्री कृष्ण का श्रृंगार कर पूजा-अर्चना और हवन किया गया. साथ ही 56 भोग लगाया गया. जिसके बाद नगर में कन्हैया की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं ने मास्क पहन का सोशल डिस्टेंसिग का विशेष ध्यान रखा गया. यह शोभायात्रा बीते 150 सालों से निकाली जा रही है. बताया जा रहा है अंग्रेजों ने शोभायात्रा को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन इसे कोई नहीं रोक पाया.
यह शोभायात्रा जन्माष्टमी त्योहार के बाद पहले रविवार को निकाली जाती है. रविवार को भी यह शोभा यात्रा सनानत धर्म मंदिर से मलिंगार, लंढौर बाजार, जैन धर्मशाला तक निकाली गई. जहां पर विधि-विधान के साथ शोभायात्रा का समापन किया गया. बता दें कि, पहले मसूरी के मलिंगार से गांधी चौक तक शोभायात्रा में बैंड, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की झांकियां, लडडू गोपाल की झांकी आदि निकाली जाती थी. जिसमें मसूरी और आसपास के हजारों श्रद्धालु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए शहर में आते थे. साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शोभायात्रा का स्वरूप सूक्ष्म रहा.